दुनिया की सबसे अच्छी हल्दी में से एक मानी जाने वाली मेघालय की लाकाड़ोंग हल्दी को भौगोलिक संकेतक प्रदान किया गया है। राज्य की कृषि मंत्री अंपारिन लिंगदोह ने यह जानकारी दी। मेघालय की लाकाड़ोंग हल्दी को 2023 में भौगोलिक संकेतक (जीआई) टैग दिया गया था। यह टैग किसी विशेष क्षेत्र से उत्पादित होने वाली वस्तुओं या सेवाओं को दिया जाता है, जिनकी गुणवत्ता, प्रतिष्ठा या अन्य विशेषताएं उस क्षेत्र से जुड़ी होती हैं। लाकाड़ोंग हल्दी को यह टैग इसलिए दिया गया क्योंकि यह अपनी उच्च गुणवत्ता, सुगंध और स्वाद के लिए जानी जाती है।
लिंगदोह ने बताया कि जयंतियां हिल्स के लाकाड़ोंग क्षेत्र में पाई जाने वाली लाकाड़ोंग हल्दी में उच्च मात्रा में करक्यूमिन तत्व होता है। इसमें करक्यूमिन की मात्रा लगभग 6.8 से 7.5 प्रतिशत के बीच होती है। इसका रंग गहरा होता है और इसे जैविक रूप से उगाया जाता है। लाकाड़ोंग हल्दी का उपयोग विभिन्न प्रकार के व्यंजनों में किया जाता है, साथ ही औषधीय उद्देश्यों के लिए भी। यह हल्दी की एक लोकप्रिय किस्म है और दुनिया भर में इसका निर्यात किया जाता है।
मंत्री लिंगदोह ने कहां कि लाकाड़ोंग हल्दी को जीआई टैग मिलने से अब इसे उगाने वाले किसानों को मार्केटिन में मदद मिलेगी। साथ ही खरीददारों को भी अच्छा समान मिल सकेगा। जीआई टैग से लाकाडोंग हल्दी को एक विशिष्ट पहचान मिलने की उम्मीद है, जिससे इसकी बिक्री और मूल्य में वृद्धि होगी। यह मेघालय के किसानों और इस क्षेत्र के समग्र आर्थिक विकास के लिए भी एक बड़ा लाभ होगा।
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