मक्के की रोटियां हो या भुट्टे की सब्जी, इनका स्वाद तो लाजवाब होता ही हैं। स्वादिष्ट होने के अलावा कई पोषक तत्वों से भरपूर मक्का हमारे स्वास्थय के लिए भी काफी फायदेमंद होता है। बहु उपयोगी फसल होने के कारण मक्के की खेती किसानो के लिए लाभदायक साबित होती है। लेकिन मक्के की बेहतर पैदावार के लिए मक्का की खेती करने से पहले कुछ महत्वपूर्ण बातो की जानकारी होना अति आवश्यक है। तो आइए जानते है कृषि जागृति के इस पोस्ट में विस्तार से।
रबी मौसम में मक्के की बुआई सितम्बर से अक्टूबर महीने में की जाती हैं।
रबी मक्के की पछेती किस्मों की बुआई नवंबर के मध्य तक कि जा सकती हैं।
रबी मक्का की जैविक बुआई करने के लिए प्रति एकड़ खेत में लगभग 7 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती हैं।
रबी मक्का की बुआई करने लिए बीज उपचारित करने की सही विधि
रबी मक्का की बुआई करने से पहले प्रति किलोग्राम बीज को 10 मिली जी-एनपीके या 10 मिली जी डर्मा प्लस से उपचारित करें।
इसके अलावा प्रति किलोग्राम बीज को 10 मिली जी-बायो फॉस्फेट एडवांस से भी उपचारित कर सकते हैं।
मक्के के बीज उपचारित करने से पौधों को कई फफूंद जनित रोगों एवं घातक कीटो के प्रकोप से बचाया जा सकता हैं। जिससे बीज का अंकुरण रोग रहित स्वस्थ होता हैं।
इन दिनों बाजार में उपलब्ध बीज पहले से ही उपचारित होते है। यदि बीज पहले से उपचारित नहीं है तो मक्के की बुआई करने से पहले बीज को उपचारित जरूरी करें।
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