जैविक खेती

मक्के की बेहतर फसल प्राप्त करने के लिए जाने बुआई का सही समय और बीज की मात्र!

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krishijagriti5

देश भर में लगभग 75 प्रतिशत क्षेत्रों मे मक्के का उत्पादन किया जाता हैं। मक्के के उत्पादन में भारत पचावे स्थान पर है। इसकी खेती करने वाले किसान कृषि जागृति के इस पोस्ट में बताए गए बातो पर ध्यान दे कर मक्के की बेहतर फसल प्राप्त करने के लिए मक्के की जैविक खेती इस तरह कर सकते हैं।

मक्के की जैविक बुआई करने के लिए माई जून का महीना सबसे अच्छा होता है। ऊष्मा जलवायु वाले क्षेत्रों मे मक्के की जैविक फसल की वृद्धि अच्छी होती है। मक्का की जैविक खेती लगभग सभी प्रकार की मिट्टी में की जा सकती है। लेकिन इसकी फसल से बेहतर पैदावार प्राप्त करने के लिए दोमट मिट्टी या बलुई मटियार मिट्टी में खेती करनी चाहिए।

खेत में वायु संचार और जल निकासी की अच्छी व्यवस्था जरूर करें। इसकी जैविक बुआई करने से पहले खेत को 2 से 3 बार जुताई कर लेनी चाहिए। प्रति एकड़ मक्के की जैविक बुआई के लिए देशी छोटे दाने वाली प्रजाति के लिए 4 से 5 किलोग्राम बीजों की आवश्यकता होती हैं।वही संकर किस्म के लिए लगभग 6 से 7 किलोग्राम और संकुल प्रजातियों के लिए लगभग 4 से 5 किलोग्राम बीज की आवश्यकता होती है।

अगर मक्के की फसल में खरपतवार बढ़ने लग जाए तो इससे फसल की पैदावार में कमी आती है। इसलिए खेत में खरपतवार पर नियंत्रण के लिए निराई-गुड़ाई करते रहे। मक्के के पौधे निकलते समय और भुट्टा बनते समय सिंचाई का विशेष ध्यान रखें। मक्के के पौधे बड़े हो जाए और पत्तियां पीली पड़ने लगे तब फसल की कटाई कर लेनी चाहिए।

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