नैनो यूरिया तरल उर्वरक है। इसके इस्तेमाल से किसान उर्वरक लागत में कमी व अधिक उपज पा सकते है। आपको बता दें कि नैनो यूरिया तरल की आधा लीटर की शीशी में वो खाद, जो एक बोरी यूरिया से कहीं ज्यादा फ़ायदा करती है। इफको के मुताबिक इसके धान, आलू, गन्ना, गेहूं और सब्जियों समेत सभी फसलों पर बेहद अच्छे परिणाम मिले हैं।
नैनो यूरिया तरल की खोज कब हुई
नैनो यूरिया की खोज वैज्ञानिक डॉ. रमेश रालिया ने की है। जो एक किसान के बेटे हैं। आपको बता दें कि डॉ. रमेश रालिया ने नैनो फर्टीलाइजर के क्षेत्र में कई मुकाम हासिल किए हैं। अमेरिका समेत कई देशों में काम करने के बाद वो भारत लौटे और इफको के साथ मिलकर नैनो यूरिया तरल का उपहार किसानों को दिया है।
नैनो यूरिया तरल के फ़ायदे
- यह प्रभावी रूप से फसलों में नाइट्रोजन की आवश्यकता को पूरा करता है।
- फसल उत्पादकता में वृद्धि और लागत में कमी करके किसानों की आय में वृद्धि करता है।
- यह पौधों के अंदर नाइट्रोजन और अन्य पोषक तत्वों के अवशोषण को बढ़ाता है।
- यह फसल की उपज की पोषक गुणवत्ता को बढ़ाने में मदद करता है।
- उच्च दक्षता के कारण, यह पारंपरिक यूरिया की आवश्यकता को 50% या उससे अधिक तक कम कर सकता है।
- किसान नैनो यूरिया की एक बोतल (500 मिली) आसानी से स्टोर या संभाल सकते हैं।
- यह मिट्टी, हवा और पानी की गुणवत्ता के संरक्षण में मदद करता है।
यह भी पढ़े: किसान अपनी खेत की मिट्टी में नाइट्रोजन की कमी को दूर करने के लिए करे ये कार्य
जागरूक रहिए व नुकसान से बचिए और अन्य लोगों के जागरूकता के लिए साझा करें एवं कृषि जागृति, स्वास्थ्य सामग्री, सरकारी योजनाएं, कृषि तकनीक, व्यवसायिक एवं जैविक खेती संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के लिए कृषि जागृति चलो गांव की ओर के WhatsApp Group से जुड़े रहे या कृषि संबंधित किसी भी समस्या के जैविक समाधान के लिए हमे WhatsApp करें। धन्यवाद