कृषि जागृति संदेश

जानिए कैसे हो रही है 4 से 5 फिट लंबी लौकी की खेती

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krishijagriti5

लौकी हमेशा से ही भारत के किसानों के लिए आय का एक महत्वपूर्ण स्रोत रही है। हालांकि, हाल के घटनाक्रमों ने कृषि क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लाया है। आपको बता दे कि उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में मंगलायतन विश्वविद्यालय के कृषि विशेषज्ञों द्वारा उगाई गई लौकी की एक नई किस्म ने कृषक समुदाय में काफी उत्साह पैदा किया है। लौकी की इस किस्म ने दुनिया भर में अब नयी पहचान बना ली है, किसानों के नजरिये से यह एक कमाई का अच्छा स्रोत है। जिससे उनकी आय में उन्हें काफी मदद मिल सकती है।

लौकी की इस नई किस्म की विशेषताएं

लंबाई: लौकी की इस नई किस्म की विशेषता यह है कि इसकी अनोखी लंबाई है। जी हाँ यह लौकी 4 से 5 फीट से आठ इंच तक लंबी हो सकती है, जो लौकी की कई अन्य किस्मों की तुलना में लंबी है। यह लंबाई प्राकृतिक है, और आनुवंशिक संशोधन या कृत्रिम वृद्धि पर इसका कोई प्रभाव नहीं पड़ता है।

अधिक उत्पादन: लौकी की इस नई किस्म का उत्पादन वास्तव में अद्वितीय है। प्रति हेक्टेयर के आधार पर इसका उत्पादन 700 से 800 क्विंटल हो सकता है, जो किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण आय का स्रोत हो सकता है। उत्पादन का यह स्तर किसानों के लिए आर्थिक रूप से फायदेमंद हो सकता है और कृषि क्षेत्र में नई संभावनाओं के द्वार भी खोल सकता है।

मंगलायतन विश्वविद्यालय की भूमिका: लौकी की इस नई किस्म को पेश करने और प्रचारित करने में मंगलायतन विश्वविद्यालय का योगदान महत्वपूर्ण है। वे न केवल कृषि क्षेत्र के विकास में सहायक हैं बल्कि किसानों को आवश्यक जानकारी और संसाधन प्रदान करके उनकी क्षमता बढ़ाने में भी सहायक हैं। इस पहल से कृषि क्षेत्र में परिदृश्य बदलने की संभावना है।

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