मक्के की खेती करने वाले हमारे किसान भाई अगर मक्के के खेत की कटाई की तैयारिया कर रहे हैं तो कटाई के समय कुछ खास बातो को ध्यान में रखना अति आवश्यक है। जिनमे सबसे जरूरी है कटाई का सही समय। अगर समय से पहले मक्के की कटाई कर दी जाती है तो पैदावार एवं गुणवकता पर प्रतिकुल असर पड़ सकता हैं।
इसके साथ ही यदि कटाई में देरी की गई तो भी दानों की गुणवत्ता कम हो सकती है। कई बार असमय होने वाली वर्षा या पक्षियों के कारण भी पैदावार में कमी देखी जाती है। इन समस्याओं से बचने के लिए मक्के की कटाई के लिए हमारे किसान भाइयों को उपयुक्त समय की जानकारी होना अति आवश्यक है, तो आइए जानते है कृषि जागृति के इस पोस्ट में विस्तार से!
कब कर सकते है मक्के की कटाई?
मक्के की कटाई करने से पहले यह सुनिश्चित करे कि फसल कटाई के लिए तैयार हैं या नहीं। मक्के की कटाई करने से पहले इस खास बातो को ध्यान में रखे । मक्के की पत्तियां पीली हो कर सूखने लगती हैं।
मक्के के छिलकें को अलग करे और देखें कि मक्के के बीज कठोर एवं सूखे हैं या नहीं या आप दात से टोडर भी जांच सकते है। दानों के कठोर एवं सूखने के बाद ही कटाई करे। मक्के की कटाई के समय दानों में नमी की मात्रा 25 प्रतिशत होनी चाहिए।
किस तरह करे आखिर मक्के की कटाई?
सबसे पहले पौधों में लगे भुट्टो की कटाई करे।
फिर इसके बाद पौधों की कटाई कर सकते हैं।
पौधों में भुट्टो की कटाई के बाद उन्हें अच्छी तरह धूप में सुखा लेना चाहिए।
जब दानों में 12 प्रतिशत तक नमी रहे तब इसका भंडारण कर सकते हैं।
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