हल्का पीलापन, रेशों से भरा हुआ रसीला व सेहत के गुणों का भंडार जर्दालू आम भागलपुर की शान होता है। भागलपुर की बेहतरीन काली दोमट मिट्टी एवं इसका जलवायु इस आम के इन बेहतरीन गुणों के लिए जिम्मेदार माना जाता है। प्रधानमंत्री मोदी सहित अनेकों माननीय इस आम का हर साल लुफ्त उठाते हैं। भागलपुर का एक इलाका है सुल्तानगंज।
सुल्तानगंज के महेशी तिलकपुर गांव के रहनिहार हैं अशोक चौधरी। ये जर्दालू आम के सबसे बड़े उत्पादक किसान हैं। जर्दालू आम के मिठास एवं सेहतमंद गुणों को जान कर हर कोई व्यक्ति भी हैरान हो सकता है। हल्का पीलापन लिए हुए इसके फल काफी रसीले होते है। इसमें शक्कर की मात्रा अन्य किसी भी आम से काफी कम होती है।
जिसके कारण कोई भी डायबिटिक पेशेंट इसे खा सकता है। यह काफी सुपाच्य भी होता है साथ ही अन्य आमों की तुलना में इससे ज्यादा दिनों तक स्टोर करके रखा जा सकता है। अशोक चौधरी बताते हैं कि यह एक अगैती किस्म है। जून के पहले सप्ताह मैं ही खाने योग्य हो जाता है। 10 जून के बाद अगर आपने छोड़ दी है तो पूरा का पूरा पेड़ में ही है पक जायेगी।
भागलपुर में करीबन एक हजार एकड़ में फिलहाल इसकी बागान है और प्रति एकड़ से लगभग एक लाख तक की आमदनी किसानों को हो जाती है। भागलपुर आत्मा के अधिकारियों ने बताया कि यहां की मिट्टी काली दोमट प्रकार की होती है जो इसके सबसे कमाल की क्वालिटी के लिए बहुत हद तक जिम्मेदार हैं। यहां के जलवायु भी इसके बेहतरीन गुणों को इन हैंस करता है।
हाल के दिनों में बिहार के माननीय ने पूरे देश भर के राजनेताओं को इसके स्वाद से परिचित कराया है। प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति सहित कई बड़े अधिकारियों एवं राजनेताओं को भी इसकी खेप भेट दिया जाता हैं। इसका जी आई रजिस्ट्रेशन भी मिल चुका है। अत: उम्मीद है कि आने वाले समय में अल्फांसो और मालदह जैसी प्रसिद्ध आम के प्रजातियों से भी आगे शुमार होगा।
अशोक चौधरी बताते हैं कि भागलपुर के कुछ प्रखंडों के अतिरिक्त बांका और मुंगेर के भी कुछ खास लोकेशन में इसका बागवानी है। बिहार के हर वह जगह जहां पर काली दोमट मिट्टी होती है वहां पर इसका खेती संभव है तो अगर आपके आसपास भी इस तरह की मिट्टी है तो आप अपने लिए जर्दालू आम को लगा सकते हैं।
विशेषताएं, एक नजर, फल का वजन: 200 से 210 ग्राम. टीएसएस: 22 से 23 फीसद, परिपक्वता अविधि: 104 से 106 दिन,उत्पादन प्रति पेड़: 77 से 315 किलो, खाद्य भाग: 68 फीसद, रंग: पीला
श्रेय: यह पोस्ट तीन-चार लोग खासकर के अशोक चौधरी सहित हॉर्टिकल्चर डायरेक्टर, भागलपुर आत्मा के अधिकारी गण से बातचीत के आधार पर लवकुश आवाज एक पहल के द्वारा लिखा गया है।
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