भारतीय मसाले और रेडी-टू-ईट प्रोडक्ट्स के निर्यात को लेकर सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। सिंगापुर और हांगकांग में निर्यात किए जाने सभी भारतीय मसाले और रेडी-टू-ईट खाद्य पदार्थ निर्यात के लिए टेस्टिंग कराना अनिवार्य कर दिया है। स्पाइस बोर्ड के मुताबिक, अब टेस्ट में पास होने के बाद ही निर्यात संभव हो सकेगा। ये नियम 6 मई यानि आज से लागू हो जायेगा।
आपको बता दें कि सिंगापुर और हांगकांग द्वारा दो बड़े भारतीय ब्रांड्स के मसलों में एथिलीन ऑक्साइड की अधिक मात्रा से कन्साइनमेंट वापस भेजने के बाद बड़ा कदम उठाया है। निर्यात से पहले सभी भारतीय मसालों का एथिलीन ऑक्साइड टेस्ट अनिवार्य कर दिया गया है।
आपको बता दें कि भारतीय खाद्य सुरक्षा और मानक प्राधिकरण एफ.एस.एस.ए.आई फल और सब्जियों, मछली उत्पादों, मसालों व पाक जड़ी-बूटियों, पोषक तत्व से समृद्ध किए गए चावल, दूध और दुग्ध उत्पाद में साल्मोनेला जैसे खाद्य पदार्थों पर निगरानी की योजना बना रही है।
FSSAI भी देश में मसालों के सैंपल जुटा रहा है। इससे पहले पिछले साल 23 मार्च को जारी सर्कुलर में बोर्ड ने यूरोपियन यूनियन को निर्यात होने वाले मसालों में ETO की अधिकतम मात्रा तय की थी। उसके मुताबिक, करी मसाला, करी पेस्ट और रेडी टु ईट प्रोडक्ट्स में ETO की अधिकतम मात्रा 0.1 मिलीग्राम प्रति किलोग्राम होनी चाहिए।
भारतीय मसालों के निर्यात से पहले जांच कराना इसलिए लिए अनिवार्य कर दिया गया है। क्योंकि बहुत से भारतीय जो मसालों का निर्यात करते है उन लोगो ने इन मसालों में कुछ गडबड करना शुरू कर दिया है। जिसके चलते भारत सरकार ने ये बड़ा कदम लिया है और विदेशों में कुछ भारतीय ब्रांड के नाम से बिकने वाले मसालों पर बैन लगा दिया गया है, लेकिन भारत में इस मामले पर कोई सुनवाई नहीं है।
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