खेती करना एक व्यापक और समृद्धिशाली व्यवसाय है जो खेतों में पौधों, फल, सब्जियों, अनाज, और अन्य कृषि उत्पादों की उत्पादन करने का काम करता है। खेती का मूल उद्देश्य भोजन और अन्य जीवन आवश्यकताओं के लिए पोषक और संतुष्टिकरण उत्पन्न करना है। हालांकि, खेती करना हर किसी के बस की बात नहीं हो सकती है, क्योंकि इसमें कई तत्व होते हैं जो इसे संभव बनाते हैं या नहीं करते हैं:
1. जगह: खेती करने के लिए उपयुक्त भूमि की आवश्यकता होती है। कुछ जगहों पर खेती के लिए फसलों के लिए उपयुक्त मौसम और मिट्टी की उपलब्धता नहीं होती है।
2. ज्ञान और अनुभव: खेती में सफलता प्राप्त करने के लिए ज्ञान और अनुभव की आवश्यकता होती है। खेती विज्ञान, फसल चयन, खरपतवार की तकनीक, रोग-कीटाणु नियंत्रण, और विपणन जैसे क्षेत्रों में समझदारी और जागरूकता का होना आवश्यक है।
3. पूंजी: खेती करने के लिए आर्थिक पूंजी की भी आवश्यकता होती है। किसान बिजली, जलवायु सुविधाएं, उत्पादन सामग्री, कृषि उपकरण, खरीदारी और विपणन के लिए धन का उपयोग करते हैं।
4. मेहनत: खेती करना मेहनत से भरा हुआ काम है। फसलों की खेती, सिंचाई, कटाई, पानी देना, रोग-कीटाणु नियंत्रण, और कटाई के समय कई मेहनत की जाती है।
5. बाजार के तंत्र: खेती के उत्पादों को बाजार में बेचने के लिए सही बाजार तंत्र की जानकारी होनी चाहिए। फसलों की बिक्री के लिए ठीक समय और स्थान का चयन करना महत्वपूर्ण है।
6. जलवायु एवं पर्यावरण कारक: खेती पर जलवायु और पर्यावरण के प्रभाव का ध्यान रखना भी जरूरी होता है। कई बार अनियंत्रित जलवायु परिवर्तन, बाढ़, सूखा, बारिश और तूफ़ान जैसी समस्याएं खेती को प्रभावित कर सकती हैं।
इन सभी कारणों के संयोजन से खेती करना एक अनुभवशील काम बन जाता है और इसमें व्यक्ति को अपने क्षेत्र के खेती संबंधी विशेषज्ञों, सरकारी योजनाओं और आर्थिक संसाधनों का सहारा लेना पड़ सकता है। खेती के सफल उद्देश्य के लिए जिम्मेदारी, ज्ञान, प्रतिध्वनि और मेहनत की आवश्यकता होती है।
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