चालू तेल वर्ष नवंबर 2022 से अक्टूबर 2023 के पहले 11 महीनों के दौरान भारत का खाद्य तेल आयात पिछले साल की इसी अवधि की तुलना में 22.15 प्रतिशत से बढ़कर 154.7 टन हो गया हैं। आपको बता दें कि इस समय देश में अच्छी खासी मात्रा में तेल उपलब्ध है। हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजार में कीमतों में गिरावट के चलते आयात में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है। विशेष रूप से अगस्त और सितंबर महीने के दौरान आयात में काफी बढ़ा है।
पाम तेल उत्पादों का आयात 90.8 लाख टन बढ़ गया है। कुल खाद्य तेल आयात में पाम तेल की हिस्सेदारी 55 फीसदी से बढ़कर 59 फीसदी हो गई हैं। इसके अलावा, सूरजमुखी और सोयाबीन तेल का आयात पिछले साल के 563.5 लाख टन के मुकाबले बढ़कर 638.7 लाख टन हो गया। घरेलू तेल की कीमतों में गिरावट के कारण हाल के महीनों में खाद्य तेल की प्रति व्यक्ति खपत बढ़ी है।
इसके चलते भी आयात में वृद्धि देखने को मिल रही है। आयत बढ़ने से इस साल खाद्य तेल का आयात 165 से 170 लाख टन के रिकॉड स्तर पर पहुंचने की संभावना हैं। खाद्य तेलों के आयात में वृद्धि से भारत के खाद्य तेल आयात बिल में वृद्धि हो सकती है। 2022-23 के पहले नौ महीनों में, भारत का खाद्य तेल आयात बिल 17.6 अरब डॉलर था,
जो पिछले साल की समान अवधि में 13.5 अरब डॉलर से 31 प्रतिशत अधिक है। भारत का खाद्य तेल आयात लगातार बढ़ रहा है। इससे खाद्य तेल की कीमतों पर दबाव पड़ सकता है और भारत के विदेशी व्यापार घाटे में वृद्धि हो सकती है। सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए कुछ कदम उठाए हैं, लेकिन भविष्य में खाद्य तेल की कीमतों में उतार-चढ़ाव जारी रहने की संभावना है।
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