कृषि जागृति संदेश

सही समय पर मक्के की कटाई करके बढ़ाए फसल की अधिक उपज एवं गुणवत्ता!

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krishijagriti5

मक्के की कटाई खेती के लिए एक महत्वपूर्ण चरण है। मक्के की कटाई में सबसे जरूरी होता है समय का ध्यान रखना। समय से पहले या देर से कटाई करने पर मक्के की गुणवत्ता में कमी आ जाती हैं। ये कार्य केवल मक्के की कटाई तक ही सीमित नहीं हैं। बल्की कटाई के बाद मक्के की गहाई सबसे महत्वपूर्ण कार्य है। गहाई के द्वारा मक्के के दानों को निकाला जाता हैं। तो आईए जानते हैं कृषि जागृति के इस पोस्ट में की मक्के की कटाई का सही समय एवं गहाई की प्रक्रिया के बारे में विस्तार से।

मक्के की कटाई का सही समय

जब मक्के की पत्तियां पीली हो कर सूखने लगे तब मक्के/भुट्टे के छिलके को अलग करके देखे दाने कठोर एवं सूखे हैं या नहीं। दानों के कठोर एवं सूखने के बाद ही कटाई करे। कटाई के समय दानों में नमी की मात्रा 25 प्रतिशत होनी चाहिए।

मक्के की कटाई किस तरह से करें!

सबसे पहले पौधों में लगे भुट्टो की कटाई करें। फिर इसके बाद पौधों की कटाई करें। पौधों से भुट्टो की कटाई करने के बाद उन्हें अच्छी तरह धूप में सुखाए। जब दानों में 12 प्रतिशत तक नमी रहे तब इसका भंडारण करे।

मक्के की गहाई कैसे करें

मक्के की गहाई करने के लिए सेलर का उपयोग किया जाता हैं। सेलर न होने की स्थिति में थ्रेसर में डाले। इससे दानों के कटने या टूटने की संभावना भी कम रहती हैं।

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