भारत में सरसों की खेती सबसे ज्यादा राजस्थान में होती है। राजस्थान देश का सबसे बड़ा सरसों उत्पादक राज्य है। वर्ष 2021-22 में राजस्थान में 106.28 लाख टन सरसों का उत्पादन हुआ, जो देश के कुल उत्पादन का 46.06% है। राजस्थान में सरसों की खेती मुख्य रूप से जयपुर, जोधपुर, उदयपुर, सिरोही, बाड़मेर और पाली जिलों में होती है।
राजस्थान में सरसों की खेती के लिए जलवायु और मिट्टी अनुकूल हैं। राजस्थान में शीतकालीन तापमान 15 से 20 डिग्री सेल्सियस के बीच रहता है, जो सरसों की खेती के लिए उपयुक्त है। राजस्थान की मिट्टी भी सरसों की खेती के लिए उपयुक्त है। राजस्थान की मिट्टी बलुई और दोमट होती है, जो सरसों की खेती के लिए अच्छी होती है।
राजस्थान में सरसों की खेती एक महत्वपूर्ण आय का स्रोत है। राजस्थान में सरसों का तेल, सरसों का साग और सरसों का मक्खन का उत्पादन किया जाता है। सरसों का तेल भारत में सबसे अधिक खपत होने वाला खाद्य तेल है। सरसों का साग एक लोकप्रिय सब्जी है। सरसों का मक्खन एक लोकप्रिय मसाला है। राजस्थान में सरसों की खेती को बढ़ावा देने के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलाई जा रही हैं।
सरकार द्वारा सरसों के बीज, उर्वरक और कीटनाशकों को सब्सिडी पर उपलब्ध कराया जाता है। सरकार द्वारा सरसों के किसानों को प्रशिक्षण भी दिया जाता है। सरसों एक महत्वपूर्ण तिलहन फसल है, और इसका उपयोग खाना पकाने, जैव ईंधन और उद्योग में किया जाता है। सरसों का तेल एक बहुमुखी तेल है, जिसका उपयोग सब्जी पकाने, सलाद ड्रेसिंग और स्नैक्स में किया जाता है।
सरसों का तेल एक अच्छा स्रोत है ओमेगा-3 और ओमेगा-6 वसा अम्ल, जो शरीर के लिए आवश्यक हैं। सरसों का बीज भी एक महत्वपूर्ण खाद्य पदार्थ है, और इसका उपयोग चटनी, अचार और पापड़ बनाने के लिए किया जाता है। सरसों का बीज एक अच्छा स्रोत है प्रोटीन, फाइबर और विटामिन सी।
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