डेयरी व्यवसाय में भैंस पालन का विशेष महत्व है। कई क्षेत्रों में गाय के दूध से अधिक भैंस के दूध को पसंद किया जाता हैं। गाय की तरह भैंसों की भी दो नस्लें होती हैं। जिनमे भारतीय भैंस एवं विदेशी भैंस शामिल है।
भैंस पालन से पहले भैंस की कितनी नस्ल हैं, भैंस की नस्ल के नाम, दुधारू भैंस की नस्ल, अधिक जानकारियां होना आवश्यक हैं। अगर आप भी इन बातो की जानकारी विस्तार से प्राप्त करना चाहते हैं तो कृषि जागृति इस पोस्ट को ध्यान से पढ़े।
भारत में पाई जाने वाली भैंसों को भी दो भागों में विभाजित किया गया हैं।
भारी भैंस: इस किस्म की भैंसो का वजन अधिक होता हैं। इसमें मुर्रा भैंस, नीली रावी भैंस एवं जाफराबादी भैंस शामिल हैं।
हल्की भैंस: इस नस्ल मै शामिल भैंसों का वजन थोड़ा कम होता हैं। इसमें मेहमान, सुरती, नागपुरी, भदावरी, तराई, पंढरपुर, कालाहांडी आदि भैंस शामिल हैं।
गुजरात: जाफराबादी भैंस, मेहसाना भैंस, सुरती भैंस, बन्नी भैंस।
पंजाब: नीली रावी भैंस, गोजरी भैंस
हरियाणा: मुर्रा भैंस
राजस्थान: मुर्रा भैंस
उतर प्रदेश: भदावरी भैंस
छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ भैंस
महाराष्ट्र: पंढरपुरी भैंस, नागपुरी भैंस, मराठवाड़ी भैंस, मेहसाना भैंस
मध्यप्रदेश: भदावरी भैंस
हिमाचल प्रदेश: गोजरी भैंस
असम एवं मणिपुर: ट्यूइट भैंस
कर्नाटक: धारावाडी भैंस
उड़ीसा: कालाहांडी भैंस, चिल्का भैंस, मांडा भैंस
आंध्र प्रदेश: गोदावरी भैंस
तमिलनाडु: तोड़ा भैंस, बरगुर भैंस
मुर्रा: यह बेहतरीन भैंस की नस्ल हैं। इस नस्ल की भैंस प्रति दिन लगभग 6 से 8 किलोग्राम ओर प्रति वर्ष लगभग 2000 लीटर दूध का उत्पादन करती हैं। हालांकि यह प्रति दिन 19.1 किलोग्राम तक दूध देने मै सक्षम है। इस नस्ल की भैंसो का रंग गहरा काला होता हैं। मुर्रा भैंस की नस्ल की पूछ पर सफेद रेखाएं होती हैं और इनकी सींग मुंडी हुई होती हैं। इनके दूध में वसा की मात्रा बहुत अधिक होती हैं।
नीली रावी: इस नस्ल की प्रत्येक भैंस का वजन लगभग 550 किलोग्राम होता हैं। प्रति वर्ष इस नस्ल की भैंस 3000 से 3500 लीटर तक दूध का उत्पादन कर सकती हैं।
भदावरी: इस नस्ल की प्रत्येक भैंस का वजन लगभग 300 से 400 किलोग्राम होता हैं। यह प्रति दिन लगभग 5 से 6 किलोग्राम दूध का उत्पादन करती हैं। इस नस्ल की भैंस के दूध में 6 से 12.5 प्रतिशत तक वसा की मात्रा होती हैं।
सुरती: इस नस्ल की भैंस गहरे भूरे से काले रंग की होती हैं। इनका आकार मध्यम होता हैं। इनके दूध में 8 से 12 प्रतिशत तक वसा की मात्रा होती हैं। प्रति वर्ष यह 1200 से 1400 लीटर तक दूध का उत्पादन कर सकती हैं।
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