ऑर्गेनिक किचन गार्डन, हम सभी जानते हैं कि अच्छे स्वास्थ्य के लिए जरूरी है कि आप पौष्टिक भोजन करें, जैसे हरी सब्जियां। क्योंकि मिनरल्स से भरपूर ये सब्जियां शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करती हैं। आजकल बाजार में हर तरह की सब्जियां उपलब्ध हैं लेकिन यह जरूरी नहीं है कि वे ताजी हों या केमिकल मुक्त हों। घर में उगाई जाने वाली सब्जियां ताजी और सेहतमंद होती हैं क्योंकि ये सभी तरह के रसायनों से मुक्त होती हैं। अगर आपके पास भी बालकनी या छत पर जगह है तो आप अपना ऑर्गेनिक किचन गार्डन तैयार कर सकते हैं।
आपको बस कुछ बातों का ध्यान रखना है और आपका परफेक्ट किचन गार्डन बनकर तैयार हो जाएगा। घर में खाली जगह में ऑर्गेनिक किचन गार्डन बनाकर आप अपनी मौसमी और पसंदीदा सब्जियां उगा सकते हैं। उदाहरण के लिए, बगीचे में टमाटर, मिर्च, पुदीना, हरा धनिया आदि लगाया जा सकता है। हालांकि ऑर्गेनिक किचन गार्डन में सब्जियां उगाते समय आपको कुछ खास बातों का ध्यान रखना चाहिए, नहीं तो कई बार आप सब्जी के पौधे तो लगा लेते हैं।
लेकिन उनकी देखभाल नहीं कर पाते, जिससे इन पौधों में कीड़े लगने लगते हैं या वे सूखने लगते हैं। यही कारण है कि हमें बुनियादी घरेलू बागवानी युक्तियों को समझने की जरूरत है, जैविक उगाने के लिए बालकनी बागवानी युक्तियाँ। इस ब्लॉग में, हम आपको बताएंगे कि ऑर्गेनिक किचन गार्डनिंग के लिए सर्वश्रेष्ठ कृषि उत्पाद क्यों आवश्यक हैं और सर्वश्रेष्ठ कृषि उत्पाद ऑनलाइन कैसे प्राप्त करें।
घर पर ऑर्गेनिक किचन गार्डन स्थापित करने के 12 आसान उपाय
यहां शुरुआती लोगों के लिए घरेलू बागवानी युक्तियाँ दी गई हैं।
1. किचन गार्डन के लिए ऐसी जगह चुनें जहां पर्याप्त मात्रा में धूप, हवा और पानी हो।
2. एक गमले में ज्यादा बीज न बोएं। पौधों को गमले के आकार और बढ़ते पौधे के आकार के अनुसार एक निश्चित दूरी पर लगाएं।
3. पौधों को नियमित रूप से पानी देना बहुत जरूरी है। खासकर जब पौधा छोटा होता है तो उसे पानी की बहुत जरूरत होती है।
4. खीरा, लौकी, सोयाबीन उगाने के लिए जमीन से 5 फीट ऊंचा रस्सियों का जाल हवा में चारों तरफ बना लें।
5. सब्जी के पौधों के चयन में आप पत्ता गोभी, टमाटर, मिर्च, भिंडी, करी पत्ता, सहजन या बैगन का पौधा चुन सकते हैं।
6. पौधों में खाद डालने के लिए फलों या सब्जियों के छिलके, पत्तियों आदि का प्रयोग करें या गॉलवे कृषम के जैविक उत्पादों का प्रयोग करें। सब्जियां लगाने के लिए किचन गार्डनिंग में सामान्य बगीचे की मिट्टी और रासायनिक रूप से उपचारित मिट्टी के बजाय मिट्टी में जैविक खाद को प्राथमिकता दें।
7. प्रारंभिक अवस्था में आपके पौधों को बहुत अधिक पोषण की आवश्यकता होगी। आप उन्हें पौधे के अनुसार पोषक तत्व दें।
8. समय से जुताई व निराई करनी चाहिए।
9. कीटों या रोगों से प्रभावित पौधों को बगीचे में अन्य पौधों से अलग रखा जाना चाहिए। क्योंकि अन्य पौधों में रोग या कीट के संक्रमण का खतरा हो सकता है।
10. किचन गार्डन में सब्जियां और फलों के पौधे लगाने के लिए सीमेंट के बर्तन अच्छे होते हैं। गमले की लंबाई-चौड़ाई 12×18 और ऊंचाई कम से कम 18 इंच होनी चाहिए।
11. आप बाउंड्री को ढकने के लिए पतले तार, हरे जाल या शेड का उपयोग कर सकते हैं।
12. आवश्यकतानुसार गॉलवे कृषम जैसे सर्वोत्तम कृषि उत्पादों का उपयोग करें और कृषि विशेषज्ञ की सलाह लेते रहें।
ऑर्गेनिक किचन गार्डन के लिए मृदा उपचार और रोपण
• किचन गार्डन के लिए मिट्टी तैयार करते समय इस बात का ध्यान रखें कि मिट्टी की मात्रा अधिक न हो, बल्कि उसमें पोषक तत्वों की मात्रा अधिक हो, साथ ही उपजाऊ मिट्टी होनी चाहिए।
• मृदा उपचार के लिए प्रति 100 किग्रा. मिट्टी में 2 जी-एमिनो, 2 बायो ह्यूमिक, 10 किलो जी-सी पावर और 1 बोतल जी-एनपीके मिट्टी में मिला दें।
• आप चाहें तो 5 मिली जी-बायो फास्फेट प्रति लीटर पानी में मिलाकर प्रति घड़े के हिसाब से मिट्टी में डाल सकते हैं।
• इस आसानी से उपचारित मिट्टी को गमले के 1/3 भाग में भर दें। उसके बाद मौसम के अनुसार चयनित पौधे/बीज।
• जब पौधा बुवाई के 30 से 45 दिन का हो जाए तो उसमें जी-एमिनो, जी-बायो ह्यूमिक, जी-सी लिक्विड और 10 किलो डालें। जी-सी पावर प्रति बर्तन (100 ग्राम की मात्रा के अनुसार) का छिड़काव करें।
नोट: यदि किसी भी प्रकार के पौधे में फंगस रोग के लक्षण दिखाई दें तो जी-बायो फास्फेट का प्रयोग करें और यदि जीवाणु/न्यूमोथोरैक्स के लक्षण दिखाई दें तो जी-पोटाश का प्रयोग करें।
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