इस समय खरीफ फसलों की कटाई चल रही है, वहीं देश के कुछ इलाकों में रबी फसलों की बुआई भी शुरू हो गई है। देश भर में अधिकांश किसान अभी भी डीएपी, पोटाश, जिंक सल्फेट और यूरिया जैसे विभिन्न उर्वरकों का उपयोग करके अपने खेतों में खाद डालते हैं। इसके साथ ही इन उर्वरकों की कीमतें भी दिन पर दिन महंगी होती जा रही हैं। ऐसे में कई बार नकली खाद के कारण यह समस्या उत्पन्न हो सकती है, जिससे किसानों को नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसी विषय को लेकर आज हम आपको सुपर फॉस्फेट उर्वरक की पहचान कैसे करें बता रहे हैं।
सुपर फॉस्फेट उर्वरक की वास्तविक गुणवत्ता की पहचान करने का एक स्पष्ट तरीका इसके दानों की गर्माहट और उनका भूरा-काला भूरा रंग है। इसके कुछ दाने गर्म कर लें; अगर यह फूले नहीं तो समझ लें कि यह असली सुपर फॉस्फेट है। ध्यान दें कि गर्मी के फलस्वरूप डीएपी एवं अन्य उर्वरकों के दाने फूल जाते हैं, जबकि सुपर फॉस्फेट के दाने नहीं फूलते, जिससे इसकी वास्तविकता स्पष्ट हो जाती है। इसकी पहचान करने के लिए सुपर फॉस्फेट के दानों पर ध्यान दें क्योंकि ये नाखूनों से आसानी से नहीं टूटते हैं।
यह महत्वपूर्ण है कि आप जानें कि इस दानेदार उर्वरक में किस प्रकार की मिलावट मौजूद हो सकती है, जिसमें अक्सर डीएपी और एनपीके का मिश्रण शामिल हो सकता है। क्यों की आज कल बहुत से नकली खाद बाजार में बिक रहे हैं इसलिए किसानों को सही से देख और जांच कर ही रबी फसलों की बुवाई के लिए उर्वक की खरीदारी करें।
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