गेहूं की जैविक खेती करने के लिए सबसे पहले आपको इन चार चरणों का पालन करना होगा जिसमे शामिल है हैं। पहले चरण में आप अपने खेत की मिट्टी को उपचारित करना होता है तथा दूसरे चरण में आपको उच्च गुणवत्ता वाले गेहूं के बीज का चयन करना होता हैं। जरूरी नहीं की आप गेहूं के बीज को किसी ब्रांड कंपनी की ही खरीदे बल्की आप अपने घर के बीज को भी अपना सकते बस मुइ हुई बीज न हो या आप अपने आस पास के किसान मित्र के घर से भी प्राप्त कर सकते हैं।
तीसरे चरण में आप गेहूं के बीज को किसी जैविक कीटनाशक से उपचारित करना होता हैं फिर चौथे चरण में आपको गेहूं की बिजाई करनी होती हैं लेकिन हम कृषि जागृति के इस पोस्ट में फिलहाल गेहूं की जैविक खेती करने के लिए केवल मिट्टी को जैविक विधि से उपचार करने के बारे में बताएंगे अगर किसी किसान भाई द्वारा सवाल करने पर हम अन्य चरणों के बारे में भी बताएंगे।
गेहूं की खेती के लिए मिट्टी का उपचार करने के लिए सबसे पहले आप अपने खेत को कम से कम दो बार नोहारा करवाएं और कम से कम एक दिन के लिए खुला छोड़ 1 से 2 दिन तक खुला छोड़ दे हवा लगने के लिए, फिर आपको उसमें 100 से 150 किलोग्राम 12 माह पुरानी सड़ी हुई गोबर या वर्मी कंपोस्ट के साथ जी-सी पावर या जी-प्रोम एडवांस में एक लीटर जी-डर्मा या जी-बायो फॉस्फेट एडवांस को आपस में मिला कर प्रति एकड़ खेत में छिड़काव करें। ध्यान रहे इसके मिश्रण का कार्य आप किसी छायादार या ठंठे जगह पर ही करें।
इस मिश्रण को खेत में छिड़कने के बाद 1 दिन के लिए खेत को खुला छोड़ दे फिर आप खेती को नोहरा या रोटरवेटर से जुताई कर गेहूं की बुवाई करें ध्यान रहे गेहूं की बिजाई करने से पहले बीज को उपचारित कर लें। अगर आपको ये जैविक खाद उपलब्ध नहीं होता हैं तो आप रासायनिक विधि से भी खेत की मिट्टी को उपचारित कर सकते हैं।
इसके लिए आपको प्रति एक खेत के लिए 35 किलोग्राम यूरिया 15 किलग्राम डीएपी के साथ मिला कर खेत में बिखेर दे और 1 से 2 दिन के लिए खुला छोड़ दें, फिर गेहूं की बिजाई करें। लेकिन बेहतर होगा की आप जैविक विधि से अपनी खेत की मिट्टी को उपचारित करें क्योंकि इससे मिट्टी जनित रोग, फफुंदनाशक दूर हो जाते हैं।
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