केंद्र सरकार द्वारा प्रतिकूल मौसम के कारण फसल के नुकसान से जुड़े वित्तीय जोखिमों को कम करने के उद्देश्य से मौसम आधारित फसल फसल बीमा योजना की शुरुआत की गई। यह योजना केंद्र और राज्य सरकारों के साझा प्रयासों से कार्यान्वित हैं।
इस योजना के शामिल होने के लिए किसानों को सभी खरीफ फसलों के लिए केवल 2 प्रतिशत एवं सभी रबी फसलों के लिए 1.5 प्रतिशत का एक समान प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता हैं। वार्षिक वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के मामले में प्रीमियम केवल 5 प्रतिशत है।
सरकारी सब्सिडी पर कोई ऊपरी सीमा नहीं है। भले ही शेष प्रीमियम 90 प्रतिशत हो, यह सरकार द्वारा वहन किया जाता है। इससे पहले प्रीमियम दर पर कैपिंग का प्रावधान था। जिससे किसानों को कम कम दावे का भुगतान होता था। अब इसे हटा दिया गया है और किसानों को बिना किसी कटौती के पूरी बीमा राशि का दावा मिलेगा।
इस योजना के लिए बटाईदार और किरायेदार किसानों सही सभी अधिसूचित क्षेत्रों में अधिसूचित फसलों को उगाने वाले किसान कवरेज के लिए पात्र हैं। गैर ऋण किसानों के लिए योजना वैकल्पिक है। इस योजना के तहत प्रमुख खाद्य फसलें जैसे अनाज, बाजरा और दालें, तिलहन, वाणिज्यिक या बागवानी फसलों को कवर किया जाता हैं।
आप बच्चे के साथ खेतों में घूम रहे हैं, खेतों में फूलों का रंग चढ़ रहा है, लेकिन अचानक आकाश में अंधेरा छा जाता है। बारिश की बूंदें तेजी से गिरने लगती हैं और बारिश के साथ ही आपके सभी तमाम उम्मीदवार बर्बाद हो जाते हैं। आपकी मेहनत और निवेश चूर-चूर हो जाते हैं, और आप बिल्कुल बेबस हो जाते हैं।
यह आपके साथ कभी-कभी होता है, लेकिन क्या आपके पास उससे बचने का कोई प्लान है? मौसम आधारित फसल बीमा योजना आपके लिए एक मददगार हो सकती है। यह योजना आपको अचानक होने वाले मौसमी परिवर्तनों से सुरक्षा प्रदान करती है, जिससे आप अपने निवेश को सुरक्षित रख सकते हैं।
सुरक्षित निवेश: मौसम आधारित फसल बीमा योजना के तहत, आपका निवेश सुरक्षित रहता है। आपकी फसल में किसी भी कारण से हानि होने पर, आपको बीमा राशि मिलती है जिससे आप अपने नुकसान को कवर कर सकते हैं। इससे आपको बाधाओं से निपटने के लिए नये निवेश करने की ज़रूरत नहीं होती है।
आर्थिक सहायता: यदि आपकी फसल पर आकाशीय विपरीत परिवर्तन के कारण कोई नुकसान होती है, तो मौसम आधारित फसल बीमा योजना आपको आर्थिक सहायता प्रदान करती है। इससे आप अपनी फसल की मूल्य का नुकसान कवर कर सकते हैं और आर्थिक तंगी से बच सकते हैं।
मौसम आधारित फसल बीमा योजना में भाग लेने के लिए, आपको अपने क्षेत्रीय कृषि निरीक्षक से संपर्क करना होगा। उन्हें आपकी फसल और इसे प्रभावित करने वाले संकटों के बारे में जानकारी देनी होगी।
इसके बाद, आपको बीमा कम्पनी द्वारा निर्धारित शर्तों का पालन करना होगा। जब आपकी फसल पर कोई कारण से नुकसान होता है, तो आपको अपने क्षेत्रीय कृषि निरीक्षक को सूचित करना होगा, जिसके बाद बीमा राशि आपको दी जाती है। स्त्रोत: इंडिया पोर्टल
यह भी पढ़े : नारियल पेड़ बीमा योजना क्या है और इसका लाभ कैसे उठाएं?
जागरूक रहिए व नुकसान से बचिए और अन्य लोगों के जागरूकता के लिए साझा करें एवं कृषि जागृति, स्वास्थ्य सामग्री, सरकारी योजनाएं, कृषि तकनीक, व्यवसायिक एवं जैविक खेती संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के लिए जुड़े रहे कृषि जागृति चलो गांव की ओर से। धन्यवाद