रबी सीजन की सबसे महत्वपूर्ण फसल गेहूं होती है। देशभर के कई इलाको में गेहूं की बुआई लगभग पूरी हो चुकी है। ऐसे में किसानों को गेहूं के फसल की सुरक्षा की जानकारी होना बहुत जरूरी है। आज हम आपको गेहूं की फसल पर खरपतवार और कीटनाशक नियंत्रण का कैसे ध्यान रखें इसकी जानकारी देगें।
गेहूं का सही तरीके से उत्पादन करने के लिए खेत से सभी तरह के खरपतवार हटा दिए जाएं। बता दें कि गेहूं के अलावा खेत मे लगा हर पौधा उसके लिए खरपतवार ही है। खेत से इन्हें साफ कर देना चाहिए इससे गेहूं की फसल का विकास अच्छे से हो सकेगा। खरपतवार नियंत्रण के लिए आप निराई गुड़ाई कर के निकाल सकते हैं और रसायनिक कीटनाशक का छिड़काव करके भी, लेकिन बेहतर होगा की आप निराई-गुड़ाई करके ही खरपतवार निकले।
गेहूं की फसल को माहू कीट और दीमक द्वारा बहुत नुकसान पहुंचाया जाता है। यह इसके उत्पादन को बहुत कम कर देता है। इसके रासायनिक नियंत्रण के लिए फसल पर इमिडाक्लोप्रिड दवा की 1 मिली लीटर मात्रा को 3 लीटर पानी के हिसाब से घोल बनाकर छिड़काव करने से माहू कीट का नियंत्रण आसानी से हो जाता है। वहीं दीमक के प्रकोप से निपटान के लिए क्लोरपायरीफॉस दवा का इस्तेमाल करना चाहिए। ये कार्य तब करे जब माहू किट या दीमक लग गए हो।
अगर आप चाहते है की गेहूं की फसल में माहू किट और दीमक न लगे तो इसके लिए आपको जैविक उपचार करना चाहिए। इसके लिए आपको गेहूं की फसल पर 15 मिली जी-बायो फॉस्फेट एडवांस को 15 लीटर पानी के टैंक में मिलाकर स्प्रे करें। स्प्रे करने के लिए आपको प्रति एकड़ खेत में 75 लीटर पानी की जरूरत पड़ती हैं। लेकिन आपको बता दें की अगर आपने कृषि जागृति द्वारा बताई गई गेहूं की जैविक खेती की विधि अपनाई है तो कम उम्मीद है की आपकी गेहूं की फसल में माहू किट और दीमक लगेंगे।
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