खीरे की जैविक खेती के लिए खेत तैयार करते समय प्रति एकड़ खेत में 5 टन 12 माह पुरानी सड़ी हुई गोबर की खाद बिखेर कर एक बार गहरी जुताई करें। गहरी जुताई के लिए डिस्क हैरो या प्लाव कराएं। अगर किसी किसान भाई के पास 5 टन 12 माह पुरानी सड़ी हुई गोबर की खाद उपलब्ध नहीं हो तो वे किसान केवल एक बार गहरी जुताई कराएं।
खेत की मिट्टी उपचार के लिए प्रति एकड़ खेत में 150 किलोग्राम 12 माह पुरानी सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट में 10 किलोग्राम जी-सी पावर और एक लीटर जी-बायो फॉस्फेट एडवांस को किसी छायादार स्थान पर मिलाकर 30 मिनट हवा लगने के बाद संध्या के समय खेत में छिड़काव करें। फिर खेत की जुताई करके मिट्टी को भुरभुरी व समतल बना लें।
इसके अलावा आप इन रासायनिक उर्वरकों का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इसके लिए आपको खेत की जुताई के समय प्रति एकड़ खेत में 25 किलोग्राम यूरिया, 15 किलोग्राम सिंगल सुपर फास्फेट और 10 किलोग्राम म्यूरेट ऑफ पोटाश का प्रयोग कर सकते हैं।
खीरे की फसल से अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए मिट्टी उपचार करते समय 4 किलोग्राम जी-वैम का भी प्रयोग कर सकते हैं। इससे जड़ों का विकाश बेहतर होता हैं एवं फसलों को सुक्ष्म पोषक तत्व प्रदान करता हैं। साथ ही 10 किलोग्राम जी-सी पावर का भी इस्तेमाल कर सकते हैं। इससे फसलों को उचित मात्रा में पोषक तत्वों प्राप्त होते हैं, जिससे खीरे के पौधों में रोग व किट लगने की आकांशा कम रहती हैं।
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