कृषि जागृति संदेश

खीरे की बुआई के बाद या पौधों में फूल फल आने के समय जैव उर्वरकों का प्रबंधन कैसे करें!

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krishijagriti5

खीरे की बुआई करने के बाद भी किसानो को उचित मात्रा में खीरे की फसल से उपज नहीं मिल पाती हैं। जो की खीरे के पौधों में पोषक तत्वों की कमी होना इस समस्या का मुख्य कारण होता हैं। ऐसे में अगर आप खीरा की खेती कर रहे है तो रासायनिक उर्वरकों की मात्रा का विशेष ध्यान रखना अति आवश्यक है।

खीरे की फसल से अच्छी पैदावार प्राप्त करने के लिए 150 लीटर पानी में एक लीटर जी-बायो फॉस्फेट एडवांस को मिलाकर प्रति एकड़ खेत में 15 दिन की खीरे की फसल पर ठंडे वातावरण में स्प्रे करें।

बेहतर परिणाम के लिए 10 दिन के बाद 150 लीटर पानी में 100 किलोग्राम ताजी गोबर की खाद के साथ एक लीटर जी बायो फॉस्फेट एडवांस को मिलाकर प्रति एकड़ खेत में लगाए गए खीरे के पौधों में थाला बना कर प्रति पौधा एक से डेढ़ मग डालें।

इसके अलावा आप जी-डर्मा प्लस को 150 लीटर पानी में मिलाकर स्प्रे कर सकते हैं। साथ ही 150 लीटर पानी में 100 किलोग्राम ताजी गोबर के साथ एक लीटर जी-डर्मा प्लस को मिलाकर भी प्रति एकड़ खेत में लगाए गए खीरे के पौधों में एक से डेढ़ मग डाल सकते हैं।

इसके बाद खीरे के पौधों में फूल आने से पहले या निकलते समय 150 लीटर पानी में 100 एमएल जी-बायो ह्यूमीक और 100 एमएल जी-सी लिक्विड और 100 एमएल जी-अमीनो प्लस को मिलाकर कर प्रति एकड़ खेत में ठंडे वातावरण में स्प्रे करें।

बेहतर परिणाम के लिए 10 दिन बाद इस पुनः स्प्रे करें। इसके छिड़काव से खीरे के पौधों में फूल एवं फलों की संख्या बढ़ती है और साथ ही फलों का आकार भी बढ़ता है एवं गुणवत्ताकारी पोषण युक्त फल प्राप्त होते हैं।

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