गेंदा यानी मैरीगोल्ड बहुत ही उपयोगी एवं आसानी से उगाया जाने वाला फूलों का पौधा है। यह मुख्य रूप से सजावटी फसल है। यह खुले फूल, माला आदि के लिए उगाया जाता है। साथ ही यह शादी-विवाह में मण्डप सजाने में भी अहम भूमिका निभाता है।
यह क्यारियों एवं हरबेसियस बॉर्डर के लिए अति उपयुक्त पौधा है। गेंदे के फूलों की जैविक खेती सालों भर की का सकती है तथा इसके फूलों को धार्मिक एवं सामाजिक उत्सवों में बढ़ा महत्व है। भारत में मुख्य रूप से अफ्रीकन गेंदे व फ्रेंच गेंदे की खेती की जाती है।
भारत में गेंदा फूल की खेती
भारत में गेंदे की नगेट, टेटा, स्फड रैड, येलो नगेट, रैड ग्लू गोल्ड, हजार गेंदा और रस्टी रैड जैसी प्रमुख किस्में उगाई जाती हैं। वैसे तो गेंदा फूल की खेती सालों भर की जा सकती है लेकिन इसके लिए सबसे अच्छा मौसम सितंबर से अक्टूबर तक का है।
अगर गेंदे फूल फूल की फसल के लिए सही से मिट्टी, बीज को उपचार न किया जाए तो इसमें कई फफूंद रोग जैसे उक्ता सुखा, काला धब्बा, चूर्णिल, रतुआ एवं विषाणु रोग लगने की काफी ज्यादा संभावना रहती है।
गैलवे कृषम के जैविक उत्पादों के साथ गेंदे के फूल की जैविक खेती
सबसे पहले खेत की मिट्टी उपचार के लिए 500 किलोग्राम 12 माह पुरानी सड़ी हुई भुरभुरी एवं थोड़ी नमी वाली गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट या केंचुआ खाद या भुरभुरी मिट्टी या या राख में एक लीटर जी-बायो फॉस्फेट एडवांस और एक लीटर जी-पोटाश एडवांस को किसी छायादार स्थान पर मिलाकर प्रति एकड़ खेत में पहले दो बार जुताई कर कुछ दिनों के लिए खुला छोड़ बिखेर दें।
इसके बाद बीज उपचार के लिए प्रति किलोग्राम गेंदे के बीज को 10 एमएल जी-बायो फॉस्फेट एडवांस या जी-पोटाश एडवांस में मिलाकर किसी छायादार स्थान पर 30 मिनट तक सुखा लें और फिर इसके बाद खेत में बोएं।
पौध उपचार के लिए 50 लीटर पानी में 250 एमएल जी-बायो फॉस्फेट एडवांस या जी-पोटाश एडवांस को मिलाकर पौध की जड़ों को 30 मिनट तक डुबो कर रखें फिर बुवाई करें।
बुवाई से 5 से 7 दिनों बाद 15 किलोग्राम नाइट्रोजन, 25 किलोग्राम फॉस्फोरस 25 किलोग्राम पोटाश और 10 किलोग्राम जी-सी पावर या 10 किलोग्राम जी-प्रोम एडवांस के साथ 4 किलोग्राम जी-वैम को मिलाकर प्रति एकड़ खेत में छिड़काव करें।
गेंदे की फसल पर 30 दिनों के बाद 1 लीटर जी-एनपीके को 100 से 150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ खेत में स्प्रे करें या 15 मिली जी-एनपीके को 15 लीटर पानी के टैंक में मिलाकर स्प्रे करें। बेहतर परिणाम के लिए 10 दिन के बाद पुनः स्प्रे करें।
फिर गेंदे के फूल निकलते समय 100 एमएल जी-बायो अमीनो प्लस एवं 100 एमएल जी-सी लिक्विड एवं 100 एमएल जी-बायो ह्यूमिक को 100 से 150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ खेत में स्प्रे करें। या 10 एमएल जी-अमीनो प्लस एवं 10 एमएल जी-सी लिक्विड एवं 10 एमएल जी-बायो ह्यूमिक को 15 लीटर पानी के टैंक में मिलाकर स्प्रे करें।
बेहतर परिणाम के लिए 10 दिन के बाद पुनः स्प्रे करें। तो हमारे किसान भाइयों, इस तरह से आप गेंदे के फूलों की जैविक खेती करके आप अपनी आमदनी को कहीं ज्यादा बढ़ा सकते हैं।
Not: गैलवे कृषम के सभी जैविक उत्पाद की खासियत यह है कि ये ईको फ्रेंडली हैं और मनुष्यों, पशुओं, पक्षियों तथा पर्यावरण के लिए बिल्कुल हानिकारक नहीं हैं।
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