खरीफ सीजन में मक्के की खेती में अक्सर खरपतवार का प्रकोप देखने को मिलता हैं। इससे फसल की पैदावार पर काफी भूरा असर पड़ता हैं। मक्के की फसल में चौड़ी पति और सकरी पति वाले खरपतवार मुख्य रूप से पाए जाते हैं। और इसमें जंगली जूट, नरकुल, हजारदाना, मोथा, सावा, दूब, चौलाई, मकोई, कुंदा घास, वाइपर घास, आदि कई खरपतवार उगते हैं। खरपतवार से मक्के की फसल को पोषक तत्व, नमी, प्रकाश आदि उचित मात्रा में नही मिल पाते हैं।
जिससे पौधों का विकास रुक जाता है। और इससे फसल की उपज एवं गुणवत्ता पर काफी भूरा प्रभाव पड़ता है। मक्के की फसल में ज्यादा खरपतवार से किट और रोग लगने का भी खतरा काफी बढ़ जाता हैं। अगर समय पर इस पर नियंत्रण न किया जाए तो पूरी फसल खराब भी हो जाती हैं। कृषि जागृति के इस पोस्ट के माध्यम से किसानो को मक्के की फसल में खरपतवार से होने वाले नुकसान और इस पर नियंत्रण करने के लिए जैविक उपाएं क्या है इसके बारे विस्तार से जान कर किसान अपनी मक्के की फसल से अधिक उपज प्राप्त कर सकते हैं।
खरपतवार से मक्के की फसल को होने वाले नुकसान
खरपतवार भूमि में मौजूद आवश्यक पोषक तत्व एवं नमी का सबसे बड़ा हिस्सा अवशोषित कर लेता है। इससे पौधों को उचित मात्रा में पोषक तत्व नही मिल पाते हैं। इसके अलावा खरपतवार आवश्यक प्रकाश एवं स्थान से फसल को वंचित कर देती है।
इससे पौधों के विकास में बाधा आती है। खरपतवार से फसल की उत्पादन क्षमता एवं गुणवत्ता घट जाती हैं। और इससे खरपतवार से फसल में किट और रोगों लगने का खतरा बढ़ जाता है।
मक्के की फसल में इस तरह करे खरपतवार पर नियंत्रण
खेत में पहले से मौजूद खरपतवारो को नष्ट करने के लिए एक बार गहरी जुताई जरूर करें। इससे खेत में पहले से मौजूद घास की जड़े ऊपर आकर तेज धूप में नष्ट हो जाएंगे।
मक्के के खेत में खरपतवार को नष्ट करने के लिए कुछ समय के अंतराल पर निराई-गुड़ाई करते रहे। निराई गुड़ाई करने के लिए आप। किसी मिनी टूल्स का भी इस्तेमाल कर सकते हैं जैसे चाइना के किसान करते हैं।
खेत में कम से कम दो से तीन बार निराई गुड़ाई करे या निरंतर निराई गुड़ाई करते रहे। इससे पौधों के विकास में बाधा उत्पन्न नहीं होगी और पूर्णतः पोषक तत्व ग्रहण करेंगे।
बुआई से 3 से 5 दिन बाद प्रति एकड़ खेत में एक लीटर पेंडीमेथलीन को 150 लीटर पानी में मिलाकर प्रति एकड़ खेत में छिड़काव करें। फिर 20 से 25 दिन के मक्के के पौधों में उगे घास को नष्ट करने के लिए प्रति एकड़ खेत में 500 मिलीलीटर क्यूजेलेफॉप इथाइल को 150 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
चौड़ी पति वाले खरपतवारो को नष्ट करने के लिए प्रति एकड़ खेत में 500 मिलीलीटर इमेजेथापायर को 150 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें। ध्यान रहे इन रसायनों को अगर उचित मात्रा में इस्तेमाल नहीं किया तो मक्के की फसल पर इसका काफी बुरा प्रभाव भी पड़ सकता हैं।
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