किसान अपनी फसलों को पोषण देने के लिए उर्वरकों के उपयोग से परिचित हैं, लेकिन यह जानना भी महत्वपूर्ण है कि कभी-कभी इन उर्वरकों का अत्यधिक उपयोग फसलों को नुकसान पहुंचा सकता है। एक सेहत मंद एवं अच्छी फसल पाने के लिए किसान डीएपी और यूरिया जैसे उर्वरक खरीदते हैं और उन्हें अपने खेतों में उपयोग करते हैं,
लेकिन ये ध्यान देना जरूरी है क्योंकि इन उर्वरकों के अत्यधिक उपयोग से फसल को नुकसान भी हो सकता है। डीएपी खाद के फायदे तो हैं लेकिन इसका ज्यादा इस्तेमाल नुकसानदायक भी हो सकता है। अत्यधिक मात्रा में डीएपी उर्वरक का उपयोग करने से मिट्टी की उर्वरता कम हो सकती है।
यदि आप डीएपी उर्वरक का सही उपयोग करते हैं तो आपको इसका उपयोग खेत में बुआई के साथ सही समय पर करना चाहिए। प्रति एकड़ खेत में केवल 50 किलोग्राम डीएपी उर्वरक का उपयोग करना चाहिए। इससे अधिक डीएपी उर्वरक का प्रयोग नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें 18% नाइट्रोजन तथा 46% फास्फोरस होता है तथा इसके अधिक प्रयोग से फसल को नुकसान हो सकता है।
पहले उपाय के रूप में उन्हें अपनी फसल की देखभाल को ध्यान से करना चाहिए। उन्हें उचित खाद और जल प्रदान करना चाहिए ताकि फसल अच्छे स्वास्थ्य में रहे। उन्हें भी सुरक्षा के लिए उचित कीटनाशक का उपयोग करना चाहिए।
दूसरे उपाय के रूप में किसान को अपनी फसल की रोपण और खेती को विशेषज्ञ के साथ समझना चाहिए। विशेषज्ञ किसान को उचित उपाय और तकनीकों के बारे में बता सकते हैं जो फसल की सुरक्षा में मदद करेंगे।
तीसरे उपाय के रूप में किसान को अपनी फसल की सुरक्षा के लिए मौसम की पूरी जानकारी होनी चाहिए। मौसमी परिवर्तन फसलों के लिए जोखिम पैदा कर सकते हैं, इसलिए उन्हें उचित समय पर फसल की रक्षा कार्य करना चाहिए।
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