पशु पालन

पशुपालन कर रहे किसान भाई देशी और विदेशी नस्ल की गाय की पहचान कैसे करें!

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krishijagriti5

भारत के विभिन्न क्षेत्रों में कई किस्म की गाय पाई जाती हैं। इन्हें मुख्य रूप से 2 भागो में विभाजित किया गया हैं। पहला है देशी नस्ल की गाय एवं दूसरा है विदेशी नस्ल की गाय। भारत एवं अन्य एशियाई देशों में पाई जाने वाली गायों को देशी कहा जाता हैं। वहीं यूरोपियन देशों में पाई जाने वाली गायों को विदेशी कहते हैं। गाय की देशी और विदेशी नस्ल की पहचान होना बहुत जरूरी हैं।

गाय की शारीरिक बनावट के आधार पर हम बहुत आसानी से देशी और विदेशी नस्लों की पहचान कर सकते हैं। इसके अलावा दूध की मात्रा और दूध वसा से भी देशी एवं विदेशी नस्ल की गाय की पहचान की जा सकती हैं।

शारीरिक बनावट से कैसे करें देशी एवं विदेशी नस्ल की गाय की पहचान!

कूबड़: देशी नस्ल की गाय मै कार्यकेतु नाडी या कूबड़ होता हैं। इसलिए देशी नस्ल की गाय को कूबड़ धारी नस्लों के नाम से भी जाना जाता हैं। विदेशी नस्ल की गाय मै कूबड़ नहीं होता हैं। इस नस्ल की गाय को विभिन्न क्षेत्रों में कूबड़ रहित नस्ले भी कहा जाता हैं।

सींग: देशी नस्ल की गाय की सिंग ऊपर की तरफ निकली होती हैं। वहीं विदेशी नस्ल की गाय की सींग सीधी एवं बाहर की तरफ होती हैं।

कमर: देशी गाय की कमर झुकी हुई होती हैं। वहीं विदेशी गाय की कमर सीधी होती हैं।

अयन: देशी गाय का अयन छोटा होता हैं। इसके विपरीत विदेशी गाय (दुधारू) का अयन बड़ा एवं अच्छी तरह विकसित होता हैं।

त्वचा: कूबड धारी यानी देशी गाय की त्वचा मोटी एवं ढीली होती हैं। इस नस्ल की गाय के गले नीचे त्वचा की भारी परत भी होती हैं। कूबड़ रहित यानी विदेशी गाय की त्वचा पतली एवं कसी हुई होती हैं।

पुट्ठा: देशी गाय का पुट्ठा ढलाव की तरह होता हैं। जबकि विदेशी गाय का पुट्ठा समतल होता हैं।

ऊंचाई: देशी गाय की ऊंचाई अधिक होती हैं। इसके विपरीत विदेशी गाय की ऊंचाई कम होती हैं।

पूंछ का ऊपरी भाग: देशी नस्ल की गाय की पूंछ का ऊपरी भाग अस्थियों के बीच दबा हुआ रहता हैं। विदेशी नस्ल की गाय की पूंछ का ऊपरी भाग उभरा हुआ होता हैं।

देशी नस्ल एवं विदेशी नस्ल की गाय के बीच कुछ और अन्य अंतर

देशी नस्ल की गाय प्रति दिन 6 से 8 किलोग्राम दूध का उत्पादन करती हैं। वहीं विदेशी नस्ल की गाय प्रति दिन 15 से 30 किलोग्राम दूध का उत्पादन करती हैं। देशी नस्ल की गाय के दूध में वसा की मात्रा अधिक होती हैं। विदेशी नस्ल की गाय के दूध में वसा की मात्रा कम होती हैं।

देशी नस्ल की गाय 3 वर्ष 4 माह से 3 वर्ष 9 माह की आयु होने पर पहले बच्चे को जन्म देती हैं। विदेशी नस्ल की गाय 2 वर्ष 3 माह से पहले बच्चे को जन्म देती हैं। विदेशी नस्ल की गाय 2 वर्ष 3 माह से 2 वर्ष 6 माह की आयु होने पर पहले बच्चे को जन्म देने मै सक्षम हो जाती हैं।

आवाज से भी हम इनके बीच के अंतर को पहचान सकते है। देशी नस्ल की गाय की आवाज भारी होती हैं। देशी गाय की तुलना में विदेशी नस्ल की गाय की आवाज पतली एवं धीमी होती हैं।

देशी गाय स्वभाव में बहुत शांत होती हैं और इनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी अच्छी होती हैं। देशी नस्ल की गाय A2 दूध का उत्पादन करती हैं, जो आसानी से पीने वाला ओर अधिक लाभदायक होता हैं। विदेशी नस्ल की गाय A1 दूध का उत्पादन करती हैं। कुछ शोधों के अनुसार A1 दूध के सेवन से कई तरह से घातक रोगों के होने की संभावना बढ़ जाती हैं।

एशियन गाय विभिन्न जलवायु के अनुसार खुद को ढाल सकती हैं और सभी मौसम का सामना कर सकती हैं। यूरोपियन गाय जलवायु परिवर्तन मैं आसानी से नहीं ढलती है। जिससे इनमें रोगों के उत्पन होने की संभावना अधिक होती हैं।

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