कृषि समाचार

हरियाणा सरकार करेगी पांच लाख एकड़ में डी-कंपोजर का छिड़काव

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krishijagriti5

हरियाणा सरकार, केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री भूपेंद्र यादव ने कहां कि पिछले 2 वर्षो में केंद्र सरकार और राज्य सरकारों के सहयोग से पराली जलाने की घटनाओं में काफी कमी आई है। हरियाणा में पराली जलाने की घटनाओं में लगभग 48 प्रतिशत तथा पंजाब में 30 प्रतिशत तक कमी आई है।

उन्होंने कहां कि हरियाणा सरकार किसानों को धान न उगाने के लिए 7 हजार रुपए प्रति एकड़ की दर से प्रोत्साहन राशि दे रही है। यह बहुत ही अच्छा प्रयोग है और किसानों ने धान को छोड़कर अन्य फसलों की खेती की है। हरियाणा के कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि पिछले वर्ष प्रदेश में पराली जलाने की 3661 घटनाएं हुई हैं और इस बार सरकार का लक्ष्य इसे जीरो-बर्निग पर लाने का है।

उन्होंने कहां कि फसल अवशेष प्रबंधन के लिए पिछले वर्ष 2.5 लाख एकड़ में डी-कंपोजर छिड़काव किया गया था और इस वर्ष राज्य सरकार ने 5 लाख एकड़ के डी-कंपोजर का छिड़काव करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। उन्होंने बताया कि फसल अवशेष प्रबंधन योजना के अंतर्गत इन सीटू मैनेजमेंट के लिए वर्ष 2018 से 19 से वर्ष 2022 से 23 तक किसानों को 80 हजार मशीनें वितरित की गई हैं।

इस वर्ष 2 अगस्त 2023 तक लगभग 21 हजार से ज्यादा किसानों ने मशीनों के लिए आवेदन किया है। इसके अलावा, कस्टम हायरिंग सेंटर की ओर से भी मशीनों की मांग आई है। इन मशीनों की लागत लगभग 328 करोड़ रुपए हैं। उन्होंने कहां कि राज्य सरकार ने जीरो बर्निग के लिए विशेष प्रोत्साहन देने के लिए भी योजना बनाई है।

इसके अंतर्गत, रेड जोन में जो पंचायत अपने क्षेत्र में पराली जलाने की एक भी घटना नहीं होने देती, उस पंचायत को 1 लाख रुपए प्रोत्साहन स्वरूप दिए जाते हैं। इसी तरह, येलो जोन में 50 हजार रुपए की राशि दी जाती हैं।

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