हरियाणा सरकार के मंत्रिमंडल की बैठक में पराली एक्स सीटू प्रबंधन नीति हरियाणा 2023 को स्वीकृति प्रदान की गई है। 2027 तक फसल अवशेष जलाना पूरी तरह से खत्म करने के लिए यह नीति लाई गई है। हरियाणा के मुख्य सचिव संजीव कौशल ने कहां कि राज्य में पराली को जलाने से रोकने के लिए किसानों के प्रोत्साहित करने हेतु कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की जा रही है। इसके अलावा आईईसी गतिविधियों को बढ़ावा दिया जा रहा है ताकि पराली से होने वाले प्रदूषण को एनसीआर क्षेत्र में कम किया जा सके।
मुख्य सचिव ने कहा कि हरियाणा में पराली जलाने वाले हॉट स्पॉट की पहचान की गई है। किसानों को फसल विविधीकरण अपनाने तथा सीधे धान की फसल की बुवाई के लिए 4000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से राशि दी जा रही है। इसके अलावा किसानों को बेहतर उपकरण प्रदान किए जा रहे हैं तथा किसानों को पराली से पर्यावरण को होने वाले नुकसान के प्रति जागरूक किया जा रहा हैं।
नीति की उम्मीद है कि यह पराली जलाने को कम करने में मदद करेगी, जो वायु प्रदूषण, जल प्रदूषण और जलवायु परिवर्तन का एक प्रमुख कारण है। यह किसानों की आय बढ़ाने और पर्यावरण और स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में भी मदद करेगी।
नीति के कार्यान्वयन के लिए, सरकार राज्य के सभी जिलों में जागरूकता अभियान चलाएगी और किसानों को पराली के आर्थिक उपयोग और इसके हानिकारक प्रभावों के बारे में शिक्षित करेगी। सरकार निजी निवेश को आकर्षित करने और पराली के उपयोग के लिए नए उद्योगों और उद्यमों को शुरू करने के लिए भी कदम उठाएगी।
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