जैसे की हम सभी जानते है की कोवीड-19 के इस दौर में हमने काफी कुछ सीखा हैं, चुनौतियों से लड़ना, तकनीकी तौर पर सक्षमता और अपने स्वास्थ्य को लेकर सजगता। इसलिए हम अपनी ऑर्गेनिक और कैमिकल रहित सब्जियां मार्केट में मिलना लगभग असंभव सा हो गया है, इसलिए बीते कुछ समय से कस्बों और शहरों में शुद्ध, स्वच्छ और हरी सब्जियां खाने के लिए किचन टैरिस गार्डन का चलन बढ़ा हैं। अगर आप भी किचन गार्डन के जरिए शुद्ध ऑर्गेनिक सब्जियां उगाना चाहते हैं।
तो आपको पता होना चाहिए कि किचन गार्डन बनाने के लिए हमें किस तरह की तैयारी करनी होगी और कौन-कौन से एग्रीकल्चर उत्पादों का इस्तेमाल करना होगा और किस तरह की जगह का चुनाव करना होगा ताकि आपको हरी, ताजी और स्वादिष्ट सब्जियां मिल सके। आप अपने घर के आंगन, टेरिस यानी बालकनी से लेकर छत तक में किचन गार्डन के जरिए पालक, मेथी, गोभी, पुदीना, टमाटर, बैंगन, तोरी, लौकी, कद्दू और करेला आदि सब्जियां उगा सकते हैं।
आज हम आपको टमाटर के पौधे उगाने का उन्नत तरीका बताएंगे। टमाटर के 1 से 2 पौधे लगाने के लिए छोटे गमले का इस्तेमाल कर सकते हैं। गमले के तौर पर आप घर में पड़े प्लास्टिक के टब, बाल्टी आदि का इस्तेमाल भी कर सकते हैं। अगर जगह नहीं है तो आप गमले या फिर किसी वैस्ट मटेरियल जैसे टूटी बाल्टी या अन्य ऐसी चीजों में पौधे लगा सकते हैं, जिसको डेकोरेट करके सुंदर व आकर्षक भी बना सकते हैं।
मिट्टी की तैयारी: गमलों और जगह का चुनाव कर लेने के बाद सब्जियां बोने के लिए मिट्टी तैयार करें। गमलों के एक तिहाई भाग में मिट्टी भर कर उसे भुरभुरा कर लें और उसमें पानी डालकर एक-दो दिन के लिए छोड़ दें। अब इस मिट्टी को खुरपी से खोदकर मिक्स कर लें। इसमें गोबर, चाय की पत्ती व सुखी पत्ती की खाद को 15 मिलीमीटर जी बायो फॉस्फेट एडवांस के साथ प्रति गमला के अनुसार मिलाकर पानी डालें।
बीज या पौध का उपचार: गमले में लगाने के लिए आप चाहे तो बीज लगाएं या पौधे लगाएं। आमतौर पर बीज उपचार के लिए 100 ग्राम टमाटर के बीज को 0.5 से 1 मिली जी-बायो फॉस्फेट एडवांस को मिलाकर 30 मिनट के लिए छाया में सुखा कर और फिर बुवाई करनी चाहिए। इसके बाद गमलों को सुखी घास या पत्तों से ढंक दें ताकि बीजों का अंकुरण अच्छे से हो जाए।
खाद एवं उर्वरक: सब्जियां अच्छी तरह से उगें। इसके लिए उन्हें पोषण की बहुत आवश्यकता होती है। इसके लिए प्रत्येक 15 दिनों में गमलों में ऑर्गेनिक फर्टिलाइजार अवश्य डालें। ऑर्गेनिक फर्टिलाइजर के लिए गमले में जी-सी पावर को दो चम्मच प्रति गमला देना चाहिए और साथ ही 100 ग्राम जी-वैम को प्रति पौधा 5 से 10 ग्राम मिट्टी मिलाकर गमलों में बिखेरकर मिला देना चाहिए।
स्प्रे करने के लिए: स्प्रे करने की प्रक्रिया को तीन हिस्सों में बांट कर समझते हैं।
टमाटर के फूल आने से पहले या बाद में स्प्रे करना चाहिए। इसके लिए आपको 3 मिली प्रति गमला जी-बायो ह्यूमिक और 3 मिली प्रति गमला जी-सी लिक्विड मिश्रण कर स्प्रे के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए।
टमाटर के फल लगने से पहले या फल आने के बाद स्प्रे के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए। स्प्रे करने के लिए जी-अमीनो प्लस को 3 मिली लीटर प्रति गमला और जी सी लिक्विड को 3 मिली प्रति गमला का मिश्रण कर स्प्रे के रूप में इस्तेमाल करना चाहिए।
टमाटर पकने या मैच्योर होने से पहले टमाटर को गिरने से रोकने के लिए जी-अमीनो प्लस को 3 मिली प्रति गमला के हिसाब से स्प्रे करना चाहिए। जिससे टमाटर को गिरने से बचाया जा सके।
अगर आप ऊपर बताए गए दिशा निर्देश, पौधे व बीज उपचार के अलावा स्प्रे से जुड़े गैलवे कृषम के शानदार जैविक उत्पादों का नियमित रूप से इस्तेमाल करते हैं तो आपके किचन गार्डन में शुद्ध ऑर्गेनिक और स्वादिष्ट टमाटर की शानदार बगिया खिलेगी और आप घर बैठे-बैठे गैलवे कृषम के शानदार जैविक उत्पादों की मदद से टमाटर जैसी और भी शानदार सब्जियां होगा न सिर्फ अपनी रसोई का स्वाद बढ़ाएगी बल्कि अपनी सेहत को भी दुरुस्त कर सकेंके।
आशा है कि आपको किचन गार्डन में टमाटर उगाने की सही विधि और उसके उपचार, खाद और स्प्रे से जुड़े गैलवे कृषम के शानदार जैविक उत्पादों के बारे में सारी जानकारी मिल गई होगी। गैलवे कृषम के सभी जैविक उत्पाद की खासियत यह है कि ये ईको फ्रेंडली हैं और मनुष्यों, पशुओं, पक्षियों तथा पर्यावरण के लिए बिल्कुल हानिकारक नहीं हैं।
Not: गैलवे कृषम के सभी जैविक उत्पाद की खासियत यह है कि ये ईको फ्रेंडली हैं और मनुष्यों, पशुओं, पक्षियों तथा पर्यावरण के लिए बिल्कुल हानिकारक नहीं हैं।
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