केंद्र सरकार ने घरेलू उपलब्धता बढ़ाकर प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रण करने के लिए प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया है। प्याज की निर्यात पर प्रतिबंध मार्च 2024 तक जारी रहेगा। विदेश व्यापार महानिदेशक द्वारा प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध के मामले में अधिसूचना जारी कर दी गई है। अधिसूचना के अनुसार, प्याज की निर्यात नीति को मुक्त से संशोधित कर निषिद्ध कर दिया गया है। अधिसूचना में यह बताया गया है कि अन्य देशों के अनुरोध पर सरकार द्वारा दी गई अनुमति के आधार पर प्याज की निर्यात की अनुमति दी जाएगी।
गौरतलब है कि चालू खरीफ सीजन के दौरान प्याज के रकबे में कमी की खबरों के बीच घरेलू बाजारों में प्याज की कीमतें बढ़ने लगी हैं। कल यानी गुरुवार को प्याज की अखिल भारतीय दैनिक औसत कीमत 57.11 रुपए प्रति किलोग्राम दर्ज की गई थी, जो साल भर पहले की तुलना में 97.95 फीसदी अधिक है। केंद्र ने सभी चीनी मिलों और डिस्टिलरिज से इथेनॉल उत्पादन के लिए गन्ने के रस या चीनी सिरप का उपयोग नहीं करने को भी कहां है। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू है।
प्याज की निर्यात पर प्रतिबंध के कुछ फायदे भी हैं। इससे घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ेगी और कीमतें नियंत्रित होंगी। इससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी। कुल मिलाकर, सरकार का प्याज की निर्यात पर प्रतिबंध लगाने का फैसला एक मिश्रित फैसला है। इससे घरेलू बाजार में प्याज की उपलब्धता बढ़ेगी और कीमतें नियंत्रित होंगी। लेकिन इससे भारत के निर्यातकों को नुकसान होगा।
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