केंद्र सरकार ने छः पड़ोसी देशों जैसे बांग्लादेश, संयुक्त अरब अमीरात यानी यूएई, भूटान, बहरीन, मॉरिशस और श्रीलंका को 99,150 टन प्याज के निर्यात की अनुमति दी है। यह निर्यात राष्ट्रीय सहकारी निर्यात लिमिटेड यानी एनसीईएल के माध्यम से किया जाएगा।
इन छः देशों को प्याज निर्यात के लिए आवंटित कोटे की आपूर्ति गंतव्य देश द्वारा की गई मांग के अनुसार की जा रही है। भारत में प्याज निर्यात का सबसे बड़ा उत्पादक राज्य महाराष्ट्र निर्यात के लिए एनसीईएल द्वारा प्राप्त किए जाने वाले प्याज का प्रमुख आपूर्तकर्ता हैं।
क्यों दी गई मंजूरी: घरेलू बाजारों में प्याज की बढ़ती कीमतों को नियंत्रित करने के लिए भारत सरकार ने 14 दिसंबर, 2023 को प्याज के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था। लेकिन अब प्याज के कीमतों में आई गिरावट के चलते सरकार ने फिर से प्रतिबंध हटा कर प्याज निर्यात के लिए छः देशों को मंजूरी दी है।
किसानों पर कितना पड़ेगा प्रभाव: इस प्रतिबंध को हटने से किसानों को राहत मिलने की उम्मीद है, जो पिछले 4 महीनों से अपनी फसल बेचने के लिए संघर्ष कर रहे थे। अब वे किसान अपनी प्याज की फसल को बढ़ी आसानी से बेच सकते हैं, लेकिन उचित मूल्य मिलने की कोई गुंजाइश नहीं हैं। क्योंकि बाजार में खुदरा प्याज की कीमत 20 से 25 रुपए प्रति किलोग्राम हैं। इसी से अंदाजा लगा लीजिए की किसानों के प्याज की थोक भाव क्या जा सकती हैं। जाहिर है की 10 से 15 रुपए किलो ही जायेगी।
विदेशी बाजारों में प्रभाव: भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा प्याज उत्पादक देश है और इसके निर्यात पर प्रतिबंध का वैश्विक बाजारों पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ा था। जिसके चलते प्याज की कीमतों में वृद्धि देखने को मिली थी।
गौरतलब है कि उपभोक्ता कार्य विभाग के मूल्य स्थिरीकरण कोष के तहत रबी-2024 में बफर स्टॉक के लिए 5 लाख टन प्याज खरीद का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसके अलावा विकिरणित और ठंडे भंडारण वाले स्टॉक की मात्रा को पिछले साल के 1200 टन से बढ़ाकर 5000 टन से अधिक करने का फैसला किया गाय हैं।
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