केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा अधिक से अधिक किसानों को जैविक फसल उगाने हेतु प्रोत्साहित करने के लिए सहभागिता गारंटी प्रणाली योजना चलाई जा रही हैं। यह किसानों द्वारा उगाएं जैविक उत्पादों को प्रमाणित करने की एक प्रक्रिया है, जो सुनिश्चित करती है कि उनका उत्पादन निर्धारित गुणवत्ता मानकों के अनुसार किया गया है अथवा नहीं।
तीसरे पक्ष के प्रमाणीकरण में उच्च शुल्क और अधिक दस्तावेज आवश्यक होते है, जिसके चलते छोटे और सीमांत किसान प्रमाणीकरण के लिए अर्जी नहीं दे पाते। सहभागिता गारंटी प्रणाली योजना के तहत प्रमाणीकरण की अधिक आसान सस्ती और सरल प्रणाली है। यह तृतीय पक्ष (एनपीओपी) प्रमाणन प्रणाली के विकल्प के रूप में हैं।
यह कार्यक्रम मुख्य रूप से राष्ट्रीय जैविक खेती केंद्र (एनसीओएफ), गाजियाबाद और इसके नौ क्षेत्रीय केंद्रों बैंगलोर, नागपुर, जबलपुर, पंचकुला, भुवनेश्वर, इंफाल, बिहार और गुजरात द्वारा संचालित किया जाता हैं।
जो किसान जैविक खेती अपनाना चाहते हैं, वे भागीदारी जैविक गारंटी प्रणाली (PGS India) प्रमाणन प्रणाली के तहत पंजीकरण करा सकते हैं। इच्छुक किसान कम से कम 5 किसानों का एक समूह बना सकते है और उसे निकटतम क्षेत्रीय जैविक खेती केंद्र में पंजीयन करा सकते हैं। सरकार जैविक खेती अपनाने वाले किसानों को प्रति हेक्टेयर 10,000 रुपए की वित्तीय सहायता भी दे रही हैं।
इस योजना के तहत जैविक खेती के लिए वित्तीय सहायता पाने हेतु अपने स्थानीय कृषि/बागवानी अधिकारियों से संपर्क करें या नजदीकी क्षेत्रीय जैविक खेती केंद्र पर जाएं।
स्रोत: PGS India
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