कृषि जागृति संदेश

पांच ऐसी सब्जियां जिन्हें घर पर लगाकर उगा सकते है और अच्छी उपज ले सकते हैं!

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krishijagriti5

प्रदूषण के दौर में जैविक सब्जियां मिलना तो जैसे दिन प्रति दिन मुश्किल सा होता जा रहा है। ऐसे में लोग अब अपने घर पर ही जैविक सब्जियां उगाने लगे है और कई जैविक ऐसी भी होती है जिन्हें उगाना काफी आसान होता है। तो आइए जानते हैं कृषि जागृति के इस पोस्ट में पांच ऐसी सब्जियां के बारे मे विस्तार से जिन्हे आप घर पर उगा कर अच्छी उपज प्राप्त कर सकते हैं।

हरी मटर:सबसे पहले आप बाजार से हरी मटर के बीज लाएं। बाजार से बीज लाने के 10 किलोग्राम 12 माह पुरानी सड़ी हुई गोबर की खाद या वर्मी कंपोस्ट या केंचुआ खाद के साथ 1 किलोग्राम जी-सी पावर या 1 किलोग्राम जी-प्रोम एडवांस में 100 मिली जी बायो फॉस्फेट एडवांस या 100 मिली जी डर्मा प्लस को किसी छायादार स्थान पर मिलाकर कर 30 मिनट हवा लगने के बाद इस मिश्रण को प्रति गमले में 1 से डेढ़ किलोग्राम डाले संध्या के समय।

इस जैव उर्वरक को गमले में डालने के बाद बाजार से लाएं हुए मटर के बीज को 0.5 से 1 मिली जी बायो फॉस्फेट एडवांस या जी डर्मा प्लस से 100 ग्राम बीज को उपचारित कर फिर गमले में लगाएं। इसके बाद तुरंत हल्के पानी का छिड़काव करें। ध्यान रहे आपने अपने अनुसार पानी का छिड़काव कर सकते हैं और फिर इसके पौधे से 60 से 70 दिन बाद उत्पादन ले सकते हैं।

शिमला मिर्च: गमले में मिर्च की फसल लेने के लिए नीचे से जल निकासी वाला कंटेनर लें। फिर इस कंटेनर गमलों में वही ऊपर बताई गई मटर की फसल के लिए वही जैव ऊर्वक प्रति गमले में 1 से डेढ़ किलोग्राम डाले और फिर बीज को उपचारित कर प्रति गमले के केंद्र में मिर्च के 1 से 2 बीज बोएं। या नर्सरी से लाएं हुए बीज के पौध को गमले में 2 से 3 इंच पर रोपाई करें। लेकिन पौध को उपचार करके। फिर इसके बाद 60 से 90 दिनों के अंदर मिर्च के पौधों से कई बार उपज लिया जा सकता है।

अदरक: गमले में अदरक की बुवाई करने के लिए कांटेनत में वही जैव उर्वरक के मिश्रण को डाले जो मटर और मिर्च के लिए बताई गई है और उसी मात्रा में। कांटेनक में जैव ऊर्वक के मिश्रण को डालने के बाद एक दिन के लिए इसे खुला रहने दे किसी छायादार स्थान पर। फिर घर से अदरक के साफ सुथरा कटिंग 1 से आधा इंच का टुकड़ा ले कर उपचार कर कंटेनर में बुवाई करे 2 से 3 इंच अंदर और सुबह शाम इसे हल्के धूप का सेवन कराएं। धूप सेवन कराने के बाद यह 20 से 25 दिन में अच्छी तरह उग जाता हैं।

बीन्स: बींस के बीज को गमले में लगाने से पहले बीज को 100 मिली पानी में 1 मिली जी बायो फॉस्फेट एडवांस को मिलाकर 30 मिनट तक बीज को रखने बाद बाद बीज को निकाल कर हवा लगने दें। तब तक कंटेनर में ऊपर बताए गए जैव ऊर्वक का मिश्रण कंटेनर में डाल कर रखे फिर हल्के पानी का छिड़काव कर बीज की बुवाई करें। बीज की बुवाई करने के बाद 45 से 65 दिनों के अंदर पूरी बेल फलियों से भर जायेंगी।

लहसुन: किचन गार्डन में लहसुन लगाने के लिए लहसुन के पोटों से अलग कर ले। फिर इसके बाद गमले में ऊपर बताए जाएं जैव ऊर्वक के मिश्रण को डालकर कुछ देर के लिए खुला छोड़ दें। फिर गमले में बीज को लगा कर हल्के पानी का छिड़काव करें। लहसुन के बीज को बोने से पहले 1 से डेढ़ मिली जी-बायो फॉस्फेट एडवांस या जी-डर्मा प्लस से बीज को उपचारित कर 30 मिनट हवा लगने के बाद बुवाई करें।

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