बुलंदशहर, उत्तर प्रदेश के बासमती चावल में आई कमी के बाद सरकार ने इसकी सख्ती काफी बढ़ा दी है। परिणामस्वरूप, सरकार द्वारा 10 रासायनिक कीटनाशकों पर तत्काल प्रभाव से 60 दिनों के लिए प्रतिबंध लगा दिया गया है। जिले में इन प्रतिबंधित रासायनिक कीटनाशकों की बिक्री नहीं होगी और यदि कोई ऐसा करता है तो उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।
जिला कृषि रक्षा अधिकारी ने बताया कि सरकार ने यह प्रतिबंध आदेश 25 सितंबर को जारी किया था और इस आदेश जारी होने की तिथि से 60 दिनों तक की अवधि के लिये प्रदेश के 30 जिलों में बुलंदशहर जनपद में भी इन रासायनिक को बेचने की अनुमति नहीं दी गई है। इन रासायनिक कीटनाशकों की बिक्री पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
बासमती चावल के उत्पादन का प्रमुख जिला है तो इस फसल में ट्राईसाईक्लाजोले, बुप्रोफेजिन, एसीफेट, क्लोरोपाइरीफास, मेथामिडोफास, प्रोपिकोनाजोल, थायोमेथाक्साम, प्रोफेनोफास, आइसोप्रोथीलोन और कार्बेन्डाजिम नाम के कीटनाशक के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया है। यह जिला बासमती चावल के उत्पादन के लिए एक प्रमुख जिला है, और इस फसल में इन रसायनों के उपयोग के कारण, चावल के दानों में कीटनाशक अवशेषों के निर्धारित अधिकतम अवशेष स्तर (एमआरएल) से अधिक होने का खतरा रहता है।
इन कीटनाशकों का उपयोग करने पर किसानों को 3 साल तक की जेल की सजा या 1 लाख रुपये तक का जुर्माना या दोनों हो सकते हैं। कृषि मंत्रालय ने किसानों को प्रतिबंधित रासायनिक कीटनाशकों के उपयोग से बचने के लिए जागरूक करने के लिए कई कार्यक्रम चलाए हैं। इन कार्यक्रमों में किसानों को इन कीटनाशकों के हानिकारक प्रभावों और उनके लिए वैकल्पिक सुरक्षित कीटनाशकों के बारे में बताया जाता है।
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