अहरौरा, उत्तर प्रदेश जिले में बीते दिन हुई बातचीत के दौरान किसानों ने बताया कि समिति से यूरिया खाद मिलने के बाद उन्हें उसके साथ नैनो यूरिया तरल भी दी जा रही है, जो की बहुत गलत है जिसके चलते किसानों ने इसका विरोध किया है। उन्होंने बताया कि हल्की बारिश के कारण किसानों को गेहूं की खेती के लिए यूरिया खाद की जरूरत पड़ी और इसके लिए वे समिति गए, जहां उन्हें यूरिया खाद के साथ जबरन नैनो फर्टिलाइजर भी लेना पड़ा। इस पर किसान कमेटी का कड़ा विरोध कर रहे हैं और कह रहे हैं कि यह पूरी तरह से अन्याय है।
किसानों ने बताया कि जब वे बाजार से 350 रुपए प्रति बोरी यूरिया खाद खरीदते हैं तो उसके साथ कोई नैनो यूरिया खाद नहीं दी जाती है। लेकिन जब वे स्थानीय सहकारी समिति से यूरिया खाद खरीदते हैं, तो उन्हें प्रति बैग 266.50 पैसे मिलते हैं, और नकद खरीद पर उन्हें प्रति बैग 270 रुपए मिलते हैं। लेकिन इसके साथ ही उन्हें नैनो फर्टिलाइजर लेना भी अनिवार्य है, जिससे इसकी कीमत 500 रुपए प्रति बैग तक पहुंच जाती है। आगे उन्होंने बताया कि उन्हें नैनो फर्टिलाइजर की कोई जरूरत नहीं है और इससे उन्हें कोई फायदा नहीं मिलता है।
लेकिन, उन्हें जबरन नैनो खाद मिल रही है। सभी किसानों ने बताया कि वे सभी किसान इसके विरोध में हैं और अगर उनकी मांगें नहीं मानी गईं तो वे आगे भी विरोध प्रदर्शन करेंगे। अब सरकार इस बात को तय करे की किसानों को यूरिया खाद देगी या नैनो यूरिया तरल क्योंकि किसानों को ये दोनों चीजे लेने से कोई फायदा नहीं होता है। लेकिन यूरिया इस लिए ले लेते है क्योंकि ये बहुत सस्ता है और अपनी फसलों में ज्यादा इस्तेमाल भी करते हैं।
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