छत्तीसगढ़ के जशपुर जिले के दूरस्थ अंचल के किसान अपने खेतों में विभिन्न उद्यानिकी फसलों की खेती करते हैं। जिसमें सामान्य खेती के साथ-साथ चाय, काजू, मिर्च, टमाटर, आलू और नाशपाती की खेती से अच्छी उत्पादन कर रहें हैं। बगीचा विकास खंड क्षेत्र के पठारी क्षेत्रों में व्यापक पैमाने पर नाशपाती की पैदावार हो रही है और किसानों को इससे अच्छा मुनाफा भी मिल रहा है।
जिससे उनका जीवन स्तर ऊंचा उठ रहा है और वे आत्मनिर्भर बन रहे हैं। जिले के किसानों को नाशपाती खेती के प्रति बढ़ावा देने के लिए उद्यान विभाग की फल क्षेत्र विस्तार योजना और नाशपाती क्षेत्र विस्तार योजना से लाभान्वित किया जा रहा हैं। जिले में नाशपाती का रकबा 790 हेक्टेयर है और उसमें लगभग 1,700 कृषकों द्वारा उत्पादन कार्य लिया जा रहा है। किसानों द्वारा 1,230 टन नाशपाती का उत्पादन हो रहा है।
नाश पाती खेती से किसानों को रोजगार मिलने के अलावा, इससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलता है। नाश पाती की खेती से जुड़े व्यवसायों में भी लोगों को रोजगार मिलता है। भारत में, नाशपाती की खेती मुख्य रूप से उत्तर प्रदेश, हिमाचल प्रदेश, और जम्मू-कश्मीर में की जाती है। इन राज्यों में, नाशपाती की खेती से लाखों किसानों को रोजगार मिल रहा है।
नाश पाती की खेती एक लाभदायक व्यवसाय है। यह किसानों को अच्छी आय प्रदान करती है, और इससे उन्हें आर्थिक रूप से मजबूत होने में मदद मिलती है। नाश पाती की खेती से किसानों को रोजगार मिलने से स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बढ़ावा मिलता है।
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