महाराष्ट्र के लातूर जिले पर इस वक्त सूखे का खतरा बना हुआ है। इससे सैंकड़ों किसान परेशान हैं। उन्हे डर है कि खेतों में लगाई जा रही रबी की फसलों को कहीं मुरझाना नहीं पड़ जाए। वहीं इस समय में गेहूं, जौ, चना, सरसों की फसलों के लिए किसानों को सिंचाई की आवश्यकता होती है। जानकारी के अनुसार खेतों को सिंचाई के लिए पानी का वितरण करने वाले मुख्य छोटे और बड़े 171 जलाशयों में अब सिर्फ़ 28.52 प्रतिशत ही पानी बचा हुआ है।
पानी के संकट को लेकर किसानों का कहना है कि इस साल लातूर जिले में सूखा पड़ने की वजह से यहां के जलाशय में मौजूद पानी को पीने के लिए आरक्षित किया गया है। जिससे अब किसान अपनी रबी फसलों को इन जलाशयों से पानी नहीं दे सकेंगे। रबी फसलों के लिए पानी का संकट किसानों के लिए एक बड़ा संकट है। इससे किसानों की फसलों को नुकसान हो सकता है। इससे किसानों की आय प्रभावित हो सकती है।
किसानों की सरकार से मांग है कि फसल बीमा देने के साथ ही पानी की कमी के कारण रबी फसलों को हो रहे नुकसान के बदले मुआवजा दिया जाए। पानी के संकट से निपटने के लिए सरकार को ठोस कदम उठाने की जरूरत है। सरकार को नदियों और नहरों में पानी की आपूर्ति बढ़ाने के लिए प्रयास करने चाहिए। सरकार को किसानों को सिंचाई के लिए अनुदान देने की भी व्यवस्था करनी चाहिए।
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