कायमगंज, उत्तर प्रदेश जिले में उत्पन्न होने वाले यूरिया की किल्लत के चलते किसानों ने बिना जरूरत के खाद के भंडारण की प्रक्रिया शुरू कर दी है। हाल ही में, इफको केंद्र पर एनपीके खाद कहरीदने के लिए किसानों की लाइन दिखाई दी।
इसके परिणामस्वरूप, किसानों को चार बोरी के साथ एक बोरी सागरिका जैविक खाद खरीदना पड़ा। किसानों ने बताया कि पिछले सप्ताह से इफको केंद्र पर यूरिया खाद की आपूर्ति ठप हो गई है। जिसके कारण किसानों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा हैं।
केंद्र प्रभारी ने बताया कि उन्होंने डिमांड भेज दी है। लेकिन अभी तक खाद की आपूर्ति नहीं हुई है। किसान लगातार यूरिया खाद के लिए केंद्र का चक्कर लगा रहे हैं। लेकिन वे खाली हाथ वापस लोट जा रहे है। सोमवार को जिले में NPK खाद का वितरण किया जा रहा था।
तभी स्थानीय निवासी किसान ने बताया कि वह एक घंटे से लाइन में लगे हैं। लेकिन अब तक खाद नहीं मिली है। वही एक अन्य किसान ने बताया कि वह अगली फसल के लिए खाद इकट्ठा कर रहें हैं। यूरिया खाद की आपूर्ति ठप होने की एक वजह है
क्योंकि इसका बढ़ता मांग पर पर्याप्त प्रतिक्रिया नहीं हो रही है। यूरिया खाद एक प्रमुख तत्व है जो खेती में उपयोग होता है और उपज की वृद्धि में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह खाद नाइट्रोजन, ऊरिया और अमोनिया से मिलकर बनती है।
उच्च आपूर्ति के कारण, यूरिया खाद की कीमतें बढ़ गई हैं, जो किसानों को इसकी खरीद में कठिनाई पैदा करती है। इसके अलावा, खरीदारी के लिए मनीपुलेटेड और नकली यूरिया खाद पश्चिमी भारत में बाजार में है, जो किसानों की प्रतिक्रिया को ग्रहण करता है। इसके परिणामस्वरूप, यूरिया खाद की आपूर्ति ठप हो गई है।
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