मक्के की फसल में बुआई से फसल की कटाई तक कई प्रकार के कीटो का आक्रमण होता हैं। जिनमे पिछले एक दशक से कई हिस्सो मे खरीफ मक्का की फसल में फॉल आर्मी वर्म किट ने किसानो की मुश्किले बढ़ाई हुई है। यह किट मक्का की फसल पर रात के समय हमला करते हैं। और केवल एक ही रात में फसल को भारी नुकसान पहुंचाने के लिए पूरी तरह से सक्षम हैं।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर समय रहते फॉल आर्मी वर्म किट की पहचान कर इसे नियंत्रण नहीं किया गया तो आने वाले समय में मक्का एवं अन्य फसलों में किट के प्रकोप भरी तबाही की आशंका साबित हो सकती है।
मक्के की फसल में लगे फॉल आर्मी वर्म किट की पहचान
फॉल आर्मी वर्म किट लेपिडोप्टेरा वर्ग से संबंधित एक प्रकार का किट हैं। फॉल आर्मी वर्म के लार्वा हरे, जैतून, हल्के गुलाबी या भूरे रंगो में दिखाई देते हैं। साथ ही पीठ के नीचे तीन हल्के पीली रेखाओं से किट की भली भांति पहचान की जा सकती हैं।
इस किट के सिर पर अंग्रेजी भाषा के y आकार की एक सफेद रंग की संरचना बनी होती हैं। किट का प्यूपा गहरे भूरे से काले रंग का होता हैं। जिससे नर या मादा मोथ बनते हैं। नर मोथ के पंखों पर सफेद निशान होता हैं। जिससे किट के नर वर्ग और मादा वर्ग में पहचान की जाती हैं।
मक्के की फसल में लगे फॉल आर्मी वर्म किट के लक्षण
इस किट का लार्वा पत्तियों को खुरचकर खाता है जिससे पत्तियों पर सफेद धारिया दिखाई देती हैं। जैसे-जैसे इस किट का लार्वा बड़ा होता हैं, मक्के की ऊपरी पत्तियों को खाता है और अंत में मक्के के पौधों में लगे भुट्टे में भी घुसकर मुख्य अनाज को अपना भोजन बनाता है। मक्के की पत्तियों पर बड़े गोल छिद्र दिखाई देते हैं। इसके साथ ही लार्वा द्वारा त्यागे गए मल के धब्बे भी मक्के के पौधों की पत्तियों पर देखे जा सकते है।
मक्के की फसल में लगे इस किट को नियंत्रण करने के जैविक उपाय
मक्के के खेत को खरपतवार से मुक्त रखे। यानी निरंतर निराई गुड़ाई करके खरपतवारों को बढ़ने न दें। उच्चित मात्रा में रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग करें, जैसे कि नाइट्रोजन युक्त उर्वरक विशेष रूप से यूरिया का अतिरिक्त उपयोग से इस किट को गंभीर रूप से बढ़ाता है।
यूरिया का छिड़काव अधिक मात्रा में करने पर मक्के के फसलों को अधिक मुलायम बनाती हैं। जिससे मक्के की फसल कीटो के प्रति अधिक अनुकूल हो जाती हैं। अगर यह किट मक्के की फसल पर शुरुआती चरण में हो तो तुरंत 150 लीटर पानी में एक लीटर जी-डर्मा प्लस को मिलाकर प्रति एकड़ खेत में स्प्रे करें।
इन कीटों से मक्के की फसल को बनाचने के लिए मक्के की बुआई करने से पहले ही खेत की मिट्टी और बीजों को उपचारित करके बोए। ऐसा करने से मिट्टी जनित एवं बीज जनित रोग भाग जाते हैं।
ध्यान रहे हमारे द्वारा बताए गए जैविक कीटनाशक या जैव उर्वरकों का छिड़काव सुबह या शाम के समय या ठंडे वातावरण में करे। दोपहर में या ज्यादा खिली हुई धूप इन्हे छिड़काव करने से इनका का उचित प्रभाव नहीं होता हैं।
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