केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने 2023-24 के लिए मुख्य खरीफ सीजन के फसलों के उत्पादन का पहला अग्रिम अनुमान जारी किया है। कृषि मंत्रालय के अनुसार इस अवधि के दौरान देश में 1,485 लाख टन से अधिक खाद्यान्न उत्पादन की संभावना हैं। कृषि मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक, चावल उत्पादन 1,063 लाख टन से अधिक रहने का अनुमान है। प्रमुख उत्पादक राज्यों में कम बारिश के कारण चावल उत्पादन में पिछले साल की तुलना में 3.79 प्रतिशत की कमी आ सकती है।
हालांकि, चावल उत्पादन औसत खरीफ चावल उत्पादन की तुलना में लगभग 1 लाख टन से अधिक रह सकता हैं। दालों में तुअर का उत्पादन पिछले साल के 33.1 लाख टन के मुकाबले थोड़ा बढ़कर 34.2 लाख टन होने की उम्मीद है। जबकि, मूंग का उत्पादन 14. 0 लाख टन होने का अनुमान है, जो पिछले साल के 17.1 लाख टन से कम है। तिलहन उत्पादन पिछले साल के 261.5 लाख टन से घटकर 215.3 लाख टन पर आने की संभावना हैं। सोयाबीन और मूंगफली का उत्पादन क्रमशः 115.2 लाख टन और 78.2 लाख टन रहने की संभावना है।
मंत्रालय का कहना है कि मक्का उत्पादन 224 लाख टन से अधिक हो सकता हैं, जबकि गन्ना उत्पादन 4,347 लाख टन रह सकता हैं। इस अनुमान में वृद्धि के लिए कई कारक जिम्मेदार हैं, जिसमें अच्छी जलवायु परिस्थितियां, किसानों द्वारा बेहतर कृषि प्रथाओं का पालन, और सरकार द्वारा किसानों को सब्सिडी और अन्य सहायता प्रदान करना शामिल है। खरीफ सीजन में भारत में उगाई जाने वाली प्रमुख फसलें चावल, मक्का, और दालें हैं। इन फसलों का उत्पादन देश की खाद्य सुरक्षा के लिए महत्वपूर्ण है।
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