कृषि यंत्र

बायोफ्लॉक तकनीक से करे मछली पालन, कम लागत मैं अब कमाएं अधिक मुनाफा!

Published by
krishijagriti5

बायोफ्लॉक मछली पालन करने की एक नई तकनीक है, जिसमें कम जगह में भी मछलियों का पालन किया जाता हैं। इस विधि में टैंक में मछलियों का पालन किया जाता हैं। मछलियों से निकलने वाले मल एवं अतिरिक्त भोजन को प्रोटीन सेल में परिवर्तन किया जाता हैं।

बाद में इसे मछलियों के चारे के तौर पर इस्तेमाल किया जाता हैं। इस तकनीक से पंगेसियस तिलापिया, देशी मांगुर, सिंघी, कॉमन कार्प, पाबदा, आदि किस्म की मछलियों का पालन किया जा सकता हैं।

बायोफ्लॉक तकनीक के फायदे!

इस तकनीक के द्वारा तालाब के बिना भी मछली पालन कर सकते हैं। इस तकनीक से कम लागत मैं मछली पालन किया जा सकता हैं। सीमित जगह में पानी की बचत के साथ मछली पालन किया जा सकता हैं। तालाब की तुलना में बायोफ्लॉक तकनीक में श्रम की आवश्यकता कम होती हैं। मछलियों के चोरी होने का खतरा भी नहीं रहता हैं।

बायोफ्लॉक तकनीक के लिए आवश्यक संसाधन

इस तकनीक से मछली पालन करने के लिए बिजली की व्यवस्था होनी चाहिए। बिजली के आभाव में इस तकनीक से मछलियों का पालन संभव नहीं है। इसके अलावा आपको सीमेंट टैंक, तारपोलिन टैंक, एयरेशन सिस्टम, प्रोबायोटिक्स, मत्स्य बीज की भी आवश्यकता होती हैं।

बायोफ्लॉक तकनीक से मछली पालन करने में कितनी लगत ओर कितना मुनाफा!

लागत एवं मुनाफा टैंक के आकार पर निर्भर करता हैं। बड़े टैंक में मछलियों की वृद्धि भी अच्छी तरह होती हैं। अगर आप 10 हजार लीटर का टैंक लगाते है तो इसमें आपको लगभग 32000 रुपए की लागत होती हैं। इसमें टैंक, टैंक में लगने वाले उपकरण आदि शामिल हैं। इस टैंक का प्रयोग 5 वर्ष तक किया जा सकता हैं। टैंक के आकार के साथ इसमें होने वाली लागत भी बढ़ती जाती हैं।

10 हजार लीटर के टैंक में मछली पालन करने पर हर 6 महीने में लगभग 25 हजार रुपए की लागत होती हैं। 10 हजार लीटर के टैंक से हर 3 से 4 महीने में 5 से 6 क्विंटल मछलियां बिक्री योग्य प्राप्त होती हैं। महंगी मछलियों का पालन करने पर अधिक मुनाफा होता हैं।

यह भी पढ़े: ठंड के मौसम में इस तरह करें मछलियों की खास देखभाल!

जागरूक रहिए व नुकसान से बचिए और अन्य लोगों के जागरूकता के लिए साझा करें एवं कृषि जागृति, स्वास्थ्य सामग्री, सरकारी योजनाएं, कृषि तकनीक, व्यवसायिक एवं जैविक खेती से संबंधित जानकारियां प्राप्त करने के लिए कृषि जागृति चलो गांव की ओर के WhatsApp Group से जुड़े या कृषि संबंधित किसी भी समस्या के जैविक समाधान के लिए हमे WhatsApp करें।

Share