कृषि जागृति

अदरक के बारे में ये जानकारी पता थी आपको? सच्ची सच्ची बताना

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krishijagriti5

सर्दी, खांसी, जुकाम, पेट दर्द, मोशन सिकनेस, जी मिचलाना और अपचन होने पर अदरक का इस्तेमाल तो खूब करते हैं आप, लेकिन पता नहीं आपको जानकारी है या नहीं, ये दुनिया के तमाम दर्द निवारकों (पेन किलर्स) में से एक बेहतरीन दर्द निवारक ऑप्शन है।

वजह है इसमें पाए जाने वाले कमाल के फाइटोकेमिकल्स। जिन्जेरॉल्स और शोगोल्स ऐसे नेचरल कंपाउंड्स हैं जिनके पाए जाने की वजह अदरक खासमख़ास है। चलिये थोड़ी काम की बात करते हैं। अदरक कमाल का दर्द निवारक भी है। दर्द निवारक, वो भी इतना तगड़ा कि आइबूप्रोफेन, ट्रिप्टान और NSAID (नॉन स्टेरॉइडल एंटीइंफ्लेमेटरी ड्रग) के टक्कर का।

पातालकोट घाटी में राजा-खोह एक गुफा है, एक सर्द रात में हम साथी इसी गुफा में जस-कीर्तन का कार्यक्रम कर रहे थे। जंगल में चाय-पानी की व्यवस्था के लिए चीजें गाँव से ही साथ लेकर गए थे हम सभी। आधी रात के बाद मेरे सिर में दर्द शुरू हुआ, एकदम तड़तड़ाते हुए।

एक आदिवासी हर्बल जानकार (भुमका) ने तकरीबन 20 ग्राम अदरक कुचला, आधा कप रस तैयार किया और मुझे पिला दिया, और तो और कुचले हुए अदरक को माथे पर लेप की तरह लगा दिया, यकीन मानिये, घंटेभर में दर्द छू मंतर था।

तब से आज तक अपन अदरक का लोहा मानते आ रहे हैं। ये किस्सा बता रहा हूँ तो एक रिसर्च की बात भी करता चलूं…एक क्लिनिकल स्टडी बताती है कि माइग्रेन में आराम दिलाने वाली मेडीसिन ट्रिप्टान और अदरक का असर बिल्कुल एक जैसा है।

इस क्लीनिकल स्टडी में माइग्रेन के रोगियों के दो ग्रुप बनाए गए, एक को ट्रिप्टान और दूसरों को सोंठ (सुखाया हुआ अदरक) का पाउडर दिया गया, दोनों दवाओं को लेने के 2 घंटे के भीतर दर्द में सभी लोगों को आराम मिल गया।

एक है नेचरल ऑप्शन और दूसरा सिंथेटिक, अब चॉइस ठहरी आपकी। इसी तरह की एक और स्टडी का जिक्र जान लीजिये दीपक आचार्य से, पीरियड्स में दर्द की शिकायत वाली 150 महिलाओं के दो ग्रुप्स में से एक को अदरक और दूसरे को आइबूप्रोफेन या NSAID दिए गए और पाया गया कि दोनों ही ग्रुप की महिलाओं को पीरियड्स के दौरान होने वाले दर्द में बराबरी से दर्द में राहत मिली।

फिर वही बात, चॉइस आपकी है। अदरक तो बेशक कमाल का पेन किलर है, आर्थराइटिस से त्रस्त लोगों को भी ये गज़ब आराम दिलाता है।अब सबसे जोरदार बात अदरक और भी कई जबर्दस्त काम करता है। ये जो दुनियाभर की हाई डोज़ पेनकिलर मेडिसिन्स आप निगलते हैं ना, उनके जो-जो साइड इफ़ेक्ट हुए हैं, उन्हें भी चंगा कर देता है।

बाकायदा क्लीनिकल स्टडीज़ बताती हैं कि हेवी डोज़ ड्रग्स की वजह से पेट की भीतरी लाइनिंग के डैमेज को कम करने या उसे ठीक करने में अदरक के फाइटोकेमिकल्स कमाल का काम करते हैं। इस लेख में रिसर्च आर्टिकल्स की डिटेल्स नहीं दिया है, किसी को बहसबाज़ी का मूड हो तो सौंप भी दूंगा।

अब करें तो करें क्या? बोलें तो बोलें क्या? दर्द सताए तो 15 से 20 ग्राम कुचलें अदरक, रस निकालें और गटक जाएं, दर्द वाले हिस्से पर बचे हिस्से का लेप करके रखें, आधा घंटा।

सोंठ का पाउडर भी रसोई में रखें, पाउडर की 5 से 7 ग्राम (एक चम्मच) मात्रा एक कप गुनगुने में मिक्स करके पी जाएं, ध्यान रहे, तब करना है ये सब, जब दर्द सता रहा हो। और सुनो, आँख में ना जाए। ये जानकारी ठीक लगी हो तो फटाक से साझा करें। जंगल लैबोरेटरी जिंदाबाद।

PC : दीपक आचार्य

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