केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि किसान आंदोलन के बाद उनकी मांगों पर विचार के लिए बनी समिति की सिफारिशें अभी तक नहीं आई हैं और एमएसपी को कानूनी अधिकार का दर्जा देने के मामले में सरकार समिति की रिपोर्ट आने के बाद ही कोई निर्णय ले सकती है। उन्होंने बताया कि किसानों के आंदोलन के बाद न्यूनतम समर्थन मूल्य को कानूनी अधिकार का दर्जा देने सहित सभी मुद्दों पर विचार के लिए समिति बनाई गई थी। समिति की अब तक 35 बैठकें हो चुकी है और उसकी सिफारिशें अपनी बाकी हैं।
नरेंद्र सिंह तोमर ने बताया कि सरकार स्वामीनाथन समिति की रिपोर्ट की सिफारिशों के आधार पर देश के किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य प्रदान कर रही है। उन्होंने कहां कि सरकार अभी 2.28 लाख करोड़ रुपए के अनाज की खरीद कर रही है। लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने पूछा था कि क्या केंद्र ने एमएसपी को कानूनी अधिकार बनाने की किसानों की मांग पर कोई फैसला लिया है। कृषि मंत्री तोमर सदन में इसी सवाल का जवाब दे रहे थे।
एमएसपी को कानूनी अधिकार बनाने से किसानों के जीवन में एक बड़ा बदलाव आएगा। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत होगी और वे अपनी फसलों को बेचने के लिए मजबूर नहीं होंगे। किसान संगठनों ने सरकार से MSP को कानूनी अधिकार बनाने के लिए जल्द से जल्द कदम उठाने का आग्रह किया है। वे कहते हैं कि इससे किसानों को उनकी फसलों का उचित मूल्य मिलेगा और उन्हें आत्मनिर्भर बनने में मदद मिलेगी।
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