रबी सीजन में शरबती गेहूं की खेती देशभर में प्रसिद्ध है। इनका रंग सुनहरा और स्वाद में हल्की-सी मिठास होती है। शरबती गेहूं देश में उपलब्ध गेहूं की सबसे अच्छी किस्मों में से एक है। आपको बता दें कि ये गेहूं सबसे अधिक एमपी की सीहोर क्षेत्र में उगाई जाती है। इसका मुख्य कारण यहां की काली और जलोढ़ उपजाऊ मिट्टी है जो शरबती गेहूं के उत्पादन के लिए उपयुक्त है। आप भी रबी सीजन में शरबती गेहूं की खेती कर अच्छा मुनाफा कमा सकते है।
यह आमतौर पर 3500 से 4500 रुपए तक बिकता है। गेहूं की अन्य किस्म की सरकारी कीमत से दुगने भाव में बिकने वाला शरबती गेहूं देश में कम उत्पादित होता है। यह गेहूं अधिकतर एडवांस बुकिंग में बोया जाता है। इस कारण से किसान को इसके 4000 रूपये से लेकर 5000 रूपये तक के दाम मिल रहे हैं।
एमपी के इन जिलों में होती है इसकी खेती
इस गेहूं के दाने बड़े और भारी होते है, जो एमपी के सीहोर, नरसिंहपुर, होशंगाबाद , हरदा, अशोकनगर, भोपाल और मालवा में उगाया जाता है। शरबती गेहूं की खेती के लिए मध्यम से भारी मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। मिट्टी का पी.एच. मान 7.0 से 8.5 के बीच होना चाहिए। शरबती गेहूं की खेती के लिए बीज दर 100 से 125 किलोग्राम प्रति हेक्टेयर है। बुवाई का समय अक्टूबर के अंत से नवंबर के मध्य तक होता है।
शरबती गेहूं की फसल की कटाई मार्च से अप्रैल के महीने में होती है। फसल को पकने के बाद ही काटना चाहिए। शरबती गेहूं की खेती से किसानों को अच्छी आमदनी होती है। शरबती गेहूं की मांग अधिक होने के कारण इसकी कीमत भी अधिक होती है। शरबती गेहूं की खेती रबी सीजन में की जाने वाली एक लाभदायक फसल है। इसकी खेती से किसानों को अच्छी आमदनी होती है।
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