कॉटन एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने अपने पहले अनुमान में कहां है कि 2023-24 में देश का कपास का उत्पादन घटकर 295.10 लाख गांठ रहने की संभावना है। अगर सीएआई का अनुमान सही साबित होता है, तो यह देश में कपास उत्पादन का बीते 15 वर्षो का न्यूनतम स्तर होगा।सीएआइ के अध्यक्ष अतुल गनात्रा ने कहां, 2008-09 के बाद भारतीय कपास उत्पादन का यह सबसे निचला स्तर होगा। बकौल गनात्रा अल नीनो का प्रभाव और कपास के तहत क्षेत्रफल में 5.5 प्रतिशत की कमी उत्पादन घटने का सबसे अहम कारण हैं।
सीएआइ के मुताबिक प्रतिकूल मौसम के कारण विभिन्न कपास उत्पादन राज्यों में पैदावार में 5 से 20 प्रतिशत की कमी आयेगी। सीएआइ ने इस साल का उत्पादन 295.10 लाख गांठ और बीते साल का शेष 28.90 लाख को मिलाकर 2023-24 सीजन के दौरान कपास की कुल उपलब्धता 346 लाख गांठ आंकी हैं। सीएआई के मुताबिक कपास का आयात पिछले साल के 12.50 लाख गांठ की तुलना में बढ़कर 22 लाख गांठ रहने का अनुमान हैं।
गौरतलब है कि केंद्रीय कृषि मंत्रालय ने 2023-24 के लिए फसल उत्पादन के पहले अग्रिम अनुमान में देश में 316.6 लाख गांठ कपास उत्पादन का अनुमान लगाया हैं। कपास उत्पादन में गिरावट से भारत की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ेगा। कपास एक महत्वपूर्ण निर्यात उत्पाद है, और उत्पादन में कमी से निर्यात राजस्व में कमी आएगी। इसके अलावा, कपास का उपयोग कपड़ा, रसायन और अन्य उत्पादों के निर्माण में किया जाता है, और उत्पादन में कमी से इन उद्योगों को भी नुकसान होगा।
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