इंडियन फार्मर्स फटीलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (इफको) और कृषि ड्रोन प्रौद्योगिकी कंपनी थानोस टेक्नोलॉजीज के बीच में एक समझोता हुआ है। इस समझौते के तहत देश की 10 लाख एकड़ कृषि भूमि पर होगा ड्रोन के माध्यम से रासायनिक उर्वरकों का छिड़काव किया जाएगा। अब देखना ये है की देश के कितने ऐसे किसान भाई है जो ड्रोन से अपने फसलों पर रासायनिक उर्वरकों का छिड़काव करके अपने सेहत व पर्यावरण को दूषित करने पर मजबूर होते हैं।
समझोते के मुताबिक, थानोस टेक्नोलॉजीज तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, गुजरात ,मध्य प्रदेश और तमिलनाडु में 10 लाख एकड़ कृषि भूमि पर ड्रोन के माध्यम से रासायनिक उर्वरकों के छिड़काव की सुविधा प्रदान करेगी। खाद का समय पर इस्तेमाल सुनिश्चित करने के लिए थानोस टेक्नोलॉजीज की ओर से 500 से अधिक अत्याधुनिक ड्रोन तैनात किए जाएंगे।
इससे किसानो को आसानी से ड्रोन उपलब्ध होगा और फसल की पैदावार में सुधार होगा और संसाधन की बर्बादी कम होगी। थानोस टेक्नोलॉजी के संस्थापक और मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रदीप पालेलिल ने एक आधिकारिक बयान में कहा कि यह साझेदारी कृषि पद्धतियों को आधुनिक बनाने, फसल की पैदावार बढ़ाने और टिकाऊ कृषि को बढ़ावा देने के हमारे मिशन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
इन चुनौतियों के बावजूद, ड्रोन द्वारा रासायनिक उर्वरक का छिड़काव कृषि में क्रांति लाने की क्षमता रखता है। यह किसानों को अधिक कुशल और टिकाऊ तरीके से फसलों का उत्पादन करने में मदद कर सकता है, जिससे खाद्य सुरक्षा और किसानों की आय में वृद्धि होगी।
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