केंद्र सरकार ने गैर बासमती चावल के निर्यात पर से प्रतिबंध हटा दिया है। अब सरकार ने नेपाल, कैमरून और मलेशिया सहित सात देशों को गैर बासमती चावल के निर्यात की अनुमति दे दी है। कुछ देशों की खाद्य सुरक्षा जरूरी के मुधेनजर सरकार उनके लिए गैर बासमती चावल के निर्यात की अनुमति दी हैं। विदेश व्यापार महानिदेशालय की एक अधिसूचना के मुताबिक, सात देशों को 10,34,800 टन गैर बासमती चावल के निर्यात की अनुमति दी गई है।
इन देशों में नेपाल, कैमरून, कोटे डी आईवार, गिनी, मलेशिया, फिलीपींस और सेशल्स शामिल है। अधिसूचना के मुताबिक यह निर्यात राष्ट्रीय सहकारी निर्यात ली. (एनसीईएल) के जरिए किया जा सकता है। विदेश व्यापार महानिदेशालय की अधिसूचना के अनुसार नेपाल को 95 हजार टन, कैमरून को 1,90,000 टन, कोटे डी आईवार को 1,42,00 टन, गिनी को 1,42,000 टन, मलेशिया को 1,70,000 टन, फिलीपींस को 2,95,000 टन और सेशेल्स को 800 टन गैर बासमती चावल का निर्यात किया जायेगा।
गौरतलब है कि भारत दुनिया का सबसे बड़ा चावल निर्यातक देश है। पिछले महीने घरेलू स्तर पर चावल की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए गैर बासमती यानी सफेद चावल के निर्यात पर प्रतिबंध लगाया गया था। फिलहाल चावल के निर्यात पर प्रतिबंध के साथ उबले चावल के निर्यात पर 20 फीसदी शुल्क भी लागू हैं।
इस प्रतिबंध का उद्देश्य घरेलू स्तर पर चावल की कीमतों को नियंत्रित करना और खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करना था। हालांकि, कुछ देशों ने इस प्रतिबंध पर आपत्ति जताई और भारत से गैर-बासमती चावल के निर्यात की अनुमति देने का अनुरोध किया। इन देशों में नेपाल, कैमरून, कोटे डी आइवर, गिनी, मलेशिया, फिलीपींस और सेशेल्स शामिल हैं।
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