आलू की फसल में नाशीजीवो (खरपतवारों, कीटों व रोगों ) से लगभग 40 से 45 फीसदी की हानि होती है। कभी-कभी यह हानि शत प्रतिशत होती है। आलू की सफल खेती के लिए आवश्यक है की समय से पछेती झुलसा रोग का प्रबंधन किया जाय। यह रोग फाइटोपथोरा इन्फेस्टेंस नामक कवक के … [Read more...]
गेहूं की अच्छी वानस्पतिक वृद्धि के लिए वर्तमान में पर्यावरण परिस्थितियां उपयुक्त है की नही
गेहूं की अच्छी वानस्पतिक वृद्धि के लिए आदर्श मौसम की स्थिति एक रोगमुक्त और अच्छी उपज सुनिश्चित करने के लिए महत्वपूर्ण है। गेहूं, दुनिया की आबादी के एक महत्वपूर्ण हिस्से के लिए एक प्रमुख भोजन है, जिसे अच्छे विकास और उत्पादक फसल की नींव रखने के लिए … [Read more...]
कृषि वैज्ञानिकों ने जारी की ये जरूरी सलाह, पछेती झुलसा रोग से झुलस सकता है आलू की पूरी फसल
जयपुर राजस्थान प्रदेश में लगातार मौसम में बदलाव और तापमान चढ़ाव-उतार से इस समय आलू की फसल में कई तरह के रोग लगने की संभावना बनी रहती है। जैसे अगेती झुलसा और पछेती झुलसा रोग, अगर समय रहते इनका प्रबंधन न किया गया तो आलू की खेती करने वाले किसानों को … [Read more...]
गेंहू की वानस्पतिक वृद्धि की अवस्था में यदि पत्तियां पीली हो रही है तो ऐसे करे प्रबंधित
गेहूं की फसल को रबी सीजन में लगाते है, इसलिए स्वाभाविक तौर पर यह ठंडा तापमान को पसंद करने वाली फसल है। गेंहू की वानस्पतिक वृद्धि के लिए ठंडक का होना बहुत ही आवश्यक है। लेकिन अत्यधिक ठंडक की वजह से गेहूं की पहली सिंचाई एवं कही कही पर गेहूं की दूसरी … [Read more...]
केला की फसल में पोटेशियम की कमी से उपज में होती है भारी कमी, जाने कैसे करें प्रबंधन!
केला की फसल के लिए पोटाश एक बहुत ही महत्वपूर्ण पोषक तत्व माना जाता है। किसी भी फसल में इसकी कमी होने पर कतई अच्छी उपज नही प्राप्त हो सकता है। केला की फसल में इसकी कमी को दूर करने के लिए 10 किलोग्राम जी-सी पावर और 10 किलोग्राम जी-प्रोम एडवांस और 1 … [Read more...]