बिहार में विगत कई सालों से आम एवं लीची का उत्पादक से किसान एक नई समस्या से दो चार हो रहे है। विगत वर्षों में अत्यधिक बारिश होने की वजह से लंबे समय तक बाग में पानी लगे होने की वजह से अब पेड़ के मुख्य तने के छिलके सड़ रहे है जिसकी वजह से पेड़ सूख रहे … [Read more...]
आम एवं लीची की नवजात टहनियों के सूखने का कारण शाखा छेदक कीट को कैसे करें प्रबंधित?
आम एवं लीची की टहनियों में छेद करने वाला च्लुमेटिया ट्रांसवर्सा, यूटेलीडे परिवार का एक कीट है। इस प्रजाति का वर्णन सर्वप्रथम 1863 में फ्रांसिस वॉकर ने किया था। इस कीट के लार्वा आम एवं लीची के पेड़ की नई शाखाओं में छेद कर देते हैं।जिसकी वजह से … [Read more...]
रेड रस्ट रोग: आम के लाल जंग रोग को कैसे करें प्रबंधित?
आम के रेड रस्ट रोग भारत में केवल बिहार, कर्नाटक और यू.पी. में पाया जाता है। रोग 1956 में तराई में राज्य के बागों में एक महामारी के रूप में दिखाई दिया था। इस रोग की उग्रता की वजह से पौधे में प्रकाश संश्लेषक गतिविधि में भारी कमी और मलिनकिरण होता … [Read more...]
केला लगाने में 45 से 50 दिन की देरी हो तो तुरंत हरी खाद वाली फसलें लगाए।
हरी खाद, लगातार बढ़ते रासायनिक उर्वरकों के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरकता घटती जा रही है। ऐसे में किसान इस समय हरी खाद का प्रयोग करके न केवल अच्छा उत्पादन पा सकते हैं, साथ ही मिट्टी की उर्वरा शक्ति भी बढ़ाई जा सकती है। आजकल गेहूं की फसल कट चुकी है। … [Read more...]
कम पानी पसंद करने वाली फसलों के लिए सिंचाई के लिए अनुकूलन तकनीके
कम वर्षा होने की परिस्थिति में कम पानी पसंद करने वाली फसलों के सिंचाई के लिए अनुकूलन तकनीकों भी जानना अत्यावश्यक है जैसेवर्षा जल संचयन: वर्षा जल का संचयन और भंडारण सूखे के दौरान सिंचाई की जरूरतों को पूरा कर सकता है और फसल के विकास को बनाए रखने … [Read more...]