मनुष्यो की तरह अब पशुओं में भी तरह तहत के कैंसर रोग होने का खतरा बना रहता हैं। यह पशु के शरीर के किसी भी भाग में हो सकता हैं, जिसमे सींग भी शामिल हैं। सींगो का कैंसर से भैंस की तुलना में गाय एवं बैल अधिक प्रभावित होते हैं। उचित इलाज नहीं मिलने पर यह पशुओं की मृत्यु का कारण भी बन सकता हैं।
पशुओं के सींगो का कैंसर के लक्षण
इस रोग के होने पर पशुओं के सींग के अंदर मांस भरने लगता हैं। फिर कुछ समय बाद सींग मुलायम हो कर नीचे की तरफ लटक जाता हैं।इससे प्रभावित पशुओं की सींगो में दर्द होने लगता हैं। ऐसे में कई बार सींग टूट कर गिरने लगता हैं और सींग की जगह पाव बन जाता हैं।
किस तरह करें उपचार
पशुओं के सींग के घाव एवं सींगो के टूटने को नजर अंदाज बिल्कुल भी न करें। इसलिए सबसे पहले सर्जरी के द्वारा सींग एवं कैंसर के मांस को जड़ से निकाला जाता हैं। इसके बाद घाव को प्रति दिन विटादिन जैसी दवा से साफ करें और पशु चिकित्सा के द्वारा बताई गई दवाएं लगा कर पट्टी करें। पशुओं के नाक से खून आना भी इस रोग के मूल लक्षणों में शामिल हैं।
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