हरियाणा के कृषि विभाग के महानिदेशक डॉ नरहरि बांगड़ ने कहां किसानों से फसलों में आने वाली किसी भी तरह की बीमारी की रोकथाम के लिए कृषि विशेषज्ञों की सलाह लेकर ही दवाई का छिड़काव करें। उन्होंने किसानों को फसल अवशेष प्रबंधन करने व सरकार की योजनाओं का लाभ उठाने का आह्नान किया। उन्होंने किसानों से सीधा संवाद भी किया और किसानों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब भी दिए।
महानिदेशक डॉ बांगड़ भिवानी में फसल अवशेष प्रबंधन और कपास की फसल को गुलाबी सुंडी से बचाने को लेकर आयोजित किसान संगोष्ठी को संबोधित कर रहें थे। उन्होंने किसानों से कहां कि वे मिट्टी की उर्वरक शक्ति को बनाए रखने के लिए फसल अवशेषों को खेत की मिट्टी में ही मिलाएं। इसके लिए विभाग द्वारा अनुदान पर कृषि यंत्र प्रदान किए जाते हैं। उन्होंने कहां कि फसल अवशेषों में अनेक प्रकार के पोषक तत्व होते हैं, जो मिट्टी की उपजाऊ शक्ति को बढ़ाते हैं।
बांगड़ ने किसानों को संबोधित करते हुए कहां कि खेती में रासायनिक उर्वरकों का अंधाधुन प्रयोग न करें। रासायनिक उर्वरकों के अधिक प्रयोग से भूमि की उपजाऊ शक्ति समाप्त होने लगी है, जिससे खेती की जमीन में बांझपन आ जाता है। उन्होंने कहां कि किसानों से प्राकृतिक खेत अपनाने को कहां।
बांगड़ ने कहां कि कपास की फसल में गुलाबी सुंडी का प्रकोप सामने आ रहा है, ऐसे में यदि कपास के फूल, टिंडा पर गुलाबी सुंडी दिखाई दे तो उसको तुरंत प्रभाव से नष्ट करें ताकि वह अधिक न फैले। उन्होंने किसानों को परंपरागत खेती की बजाय आधुनिक खेती में फल, फूल, सब्जी उत्पादन व बागवानी पर जोर देना चाहिए।
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