कृषि जागृति संदेश

खीरे की फसल में जैव उर्वरक का प्रयोग करने से होने वाले लाभ!

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krishijagriti5

कई बार कड़ी मेहनत करने के बाद भी किसानो को उचित मात्रा में खीरे की फसल से उपज नहीं मिल पाती हैं। जो की खीरे के पौधों में पोषक तत्वों की कमी होना इस समस्या का मुख्य कारण होता हैं। ऐसे में अगर आप खीरा की खेती कर रहे है तो रासायनिक उर्वरकों की मात्रा का विशेष ध्यान रखना अति आवश्यक है। कृषि जागृति के इस पोस्ट के माध्यम से आप खीरे की फसल से बेहतर उपज एवं गुणवत्ता में वृद्धि के लिए जैव उर्वरकों का प्रबंधन करने के लिए विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं।

पौधों का उचित विकाश: खीरे के पौधों के उचित विकाश में जैव उर्वरक एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता हैं।

उपज में वृद्धि: जैव उर्वरकों के प्रयोग से खीरे के पौधों को आवश्यक पोषक तत्व प्राप्त होते हैं।जिससे खीरे की उपज में काफी वृद्धि होती हैं।

फलों का आकार एवं उचित गुणवता: खीरे की फसल में पोषक तत्वों की कमी दूर होने से पौधों में लगाने वाले फलों की गुणवत्ता में सुधार होता हैं। इसके साथ ही यह फलों के आकार को बढ़ाने में भी सहायक होता है।

जड़ों का उचित विकाश: कुछ पोषक तत्व खीरे के पौधों की जड़ों के विकाश में सहायक होते हैं। जड़ों के विकाश बेहतर होने से पौधों को मजबूती मिलती हैं। जिससे पौधों के गिरने की समस्या कम होती हैं।

रोग एवं कीटो से बचाव: पोषक तत्वों की संतुलित मात्रा से पौधे विभिन्न रोगों के प्रति सहनशील होते हैं। जिससे पौधों में कई तरह के रोगों एवं कीटो के प्रकोप का खतरा कम होता हैं।

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